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Monday, August 30, 2010

पवन

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मेरी जिंदगी पूछती पगली पवन  आंचल उड़ा के क्यों चली कौन है साथी तुम्हारा   किसकी है ,तू मनचली  न कोई साथी है   मेरा न किसी की है तलाश क्योंकि मेरा   ये अकेलापन मेरे है आसपास  अपने जज्बातों को   बयां करती हु मैं चाँद से जिंदगी की राह में पूछती भगवान से क्या मेरी जिंदगी पर तू तरस न खायेगा संघर्षमय जीवन में तन्हा ही छोड़ जायेगा ..... क्यों मेरी दोस्ती का हाथ...

Posted By KanpurpatrikaMonday, August 30, 2010

एक लड़की

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एक लड़की एक लड़की का मासूम चेहरा तनहा वो अपनों में है होठ है खामोश लेकिन बोलती नजरो से है जिंदगी सुख दुःख का सागर कोसती किस्मत को है फिर भी दुःख सहकर भी उसको आस आखिर सुख की है .... भीड़ तारो की भीड़ में भी ऐसा एक सितारा तनहा है जो बेचारा सोचता है एक दिन होगा कोई सहारा उम्मीद में किसी के बेटे न जीवन का सारा ..... याद याद में किसी की इस कदर खो गए है होश न रहा की बेखबर हो गए  है जेहन जब तलक उनकी यादो का असर है...

Posted By KanpurpatrikaMonday, August 30, 2010

बचपन

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बचपन सपने में आया एक सपना था एक प्यारा सा घर अपना बचपन में खेले जिस घर में भाई बहन साथी भी संग में  गुडिया का ब्याह रचाना   गुड्डे की बारात बुलाना गुडिया को डोली में बिठाना था बचपन का खेल सुहाना बचपन का वो दामन छूटा खुशियों का वो आगन छूटा भाग्य को कोई समझ न पाया एक दिन ऐसा मंजर आया छूट गया वो खेल खिलौने  भूल गए वो गुड़िया की शादी  दूर हुए सब संग साथी  रह केवल यादे बाकि ...... संध्या ...

Posted By KanpurpatrikaMonday, August 30, 2010

रिश्ते

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रिश्ते इस मतलब परस्त दुनिया में रिश्तो की परिभाषा क्या है ? खून के रिश्ते ये सब झूठे है अपना और पराया क्या है ? अपने अपनों में खोये है गैरो समझाना क्या है ? गैर तो हो जाते है अपने अब अपनों का ठिकाना क्या है ...

Posted By KanpurpatrikaMonday, August 30, 2010

ख्वाब

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ख्वाब कौन कहता है की ख्वाब हकीकत में बदल जाते है मेरे तो किसी ख्वाब को हकीकत की जमीं ही नहीं मिली ख्वाब में उनसे मुलाकात तो होती है मगर सामने मिलने की ख्वाहिश ख्वाब में ही रह गई ख्वाब में जीता रहा की एक दिन ऐसा आयेगा ख्वाब मेरा शायद हकीकत में बदल जायेगा पर न जाने क्या हुआ शाम यूँ ही ढल गई जिंदगी तन्हा मेरी एक ख्वाब में गुज़र गई ......संध...

Posted By KanpurpatrikaMonday, August 30, 2010

हमसफ़र

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हमसफ़र जिंदगी के इस सफ़र में हमसफ़र गर साथ हो जिंदगी कट जाएगी हाथ मे जो हाथ होउम्र भर चलती रहूँ बस तुम्हारे साथ मैं कोई भी ठोकर लगे न अब पाँव मेअब हमारे बीच कोई न तकरार हो आइना जब भी देखू बस तुम्हारा ही दीदार होजिंदगी के इस सफ़र में हमसफ़र गर साथ होजिंदगी कट जाएगी हाथ मे जो हाथ हो .....दूरिया हो चाहे जितनी न कोई दूरी लगे .....पास रहकर भी ये कैसी मन से मन की दूरियां हैउम्र भर साथी मेरे बस तुम्हारा साथ होप्यार से है जिंदगी ... जिंदगी भर प्यार हो...

Posted By KanpurpatrikaMonday, August 30, 2010