जिसका उच्चारण नही किया जाता,अपितु जो स्वास और प्रतिस्वास के के गमन और
आगमन से सम्पादित किया जाता है,(हं-स:) यह अजपा कहलाता है,इसके देवता
अर्ध्नारीश्वर है.
उद्यदभानुस्फ़ुरिततडिदाकारमर्द्धाम्बिकेशम,
पाशाभीति वरदपरशुं संदधानं
कराब्जै:
,दिव्यार्कल्पैर्नवमणिमये: शोभितं विश्वमूल्म,
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