इस बार हम जानेंगे की दशाफल का निर्धारण कैसे करें। विंशोत्तरी दशा काल निर्धारण का अति महत्वपूर्ण औजार है। दशाफल अर्थात किस दशा में हमें क्या फल मिलेगा। दशाफल निर्धारण के लिए कुछ बातें ध्यान रखने योग्य हैं -1- सर्वप्रथम तो यह कि किसी भी मनुष्य को वह ही फल मिल सकता है जो कि उसकी कुण्डली में निर्धारित हो। उदाहरण के तौर पर अगर किसी की कुण्डली में विवाह का योग नहीं है तो दशा कितनी भी विवाह देने वाली हो, विवाह नहीं हो सकता।2- कितना फल मिलेगा यह ग्रह की शुभता और अशुभता पर निर्भर करेगा। ग्रहों की शुभता और अशुभता कैसे जानें इसकी चर्चा हम 'फलादेश...