• इन्सान के मन की संकल्प-शक्ति और ईच्छा-शक्ति - विचारों को जन्म देती है । ये विचार अच्छे भी हो सकते है और बुरे भी हो सकते हैं । फिर एक प्रक्रिया का जन्म होता है - एक वैचारिक शक्ति का उदय होता है । इस वैचारिक शक्ति से शरीर मे थरथराहट पैदा होती है जो बढ़ती जाती है फिर एक लहर के रूप में परिवर्तित हो जाती है और धीरे-धीरे इसमे दबाव पैदा करने की शक्ति आ जाती है । ये दबाव व्यक्ति को कर्म करने को प्रेरित करता है । इससे व्यक्ति उस दिशा में कर्म करता है - जैसी उसकी वैचारिक शक्ति होती है । यहीं से ये शक्ति शरीर की आवश्यकता के अनुसार ऊर्जा के विभिन्न...