कुंडली के द्वादस भाव और द्वादस राशियों का परिचय किसी भी अन्य विषय की तरह ज्योतिष की अपनी शब्दावली है। ज्योतिष के लेखों को, ज्योतिष की पुस्तकों को आदि समझने के लिए शब्दावली को जानना जरूरी है। सबसे पहले हम भाव से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण संज्ञाए इस प्रकार है -भाव संज्ञाएंकेन्द्र - एक, चार, सात और दसवें भाव को एक साथ केन्द्र भी कहते हैं।त्रिकोण - एक, पांच और नौवें भाव को एक साथ त्रिकोण भी कहते हैं।उपचय - एक, तीन, छ:, दस और ग्यारह भावों को एक साथ उपचय कहते हैं।मारक - दो और सात भाव मारक कहलाते हैं।दु:स्थान - छ:, आठ और बारह भाव दु:स्थान...