पता नहीं क्यों हम जो सोचते थे जिसकी कल्पना कर रहे थे वह सब धोखा था और वह धोखा हम सभी अपने आप को ही दे रहे थे । लेकिन जब धोखे से पर्दा उठ गया तो हम सब यह सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या वास्तव में हम एक ऐसे धोखे या दिखावटी जीवन में जी रहे थे जिससे बाहर निकलने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। लेकिन आज एक झटके में हमारी आंखों के सामने ही सारा की सारा नजारा ही बदल गया ।कहीं ना कहीं हम अपनी दिनचर्या को बदलना ही नहीं चाहते थे ।लाख समझाने के बाद भी हम सभी तरह-तरह के बहाने बनाकर अपने आप को श्रेष्ठ साबित कर देते थे ।खुद जानते थे कि हम कर सकते हैं लेकिन हम...