*क्या है विष योग और 12 भावो में इसका शुभ अशुभ फल*आज हम जानेंगे पंडित चन्द्र कान्त शुक्ल से कुंडली मे होने वाले विष योग के बारे में। फलदीपिका ग्रंथ के अनुसार कुंडली मे शनि ग्रह आयु, मृत्यु, भय, दुख, अपमान, रोग, दरिद्रता, दासता, बदनामी, विपत्ति, निन्दित कार्य, नीच लोगों से सहायता, आलस, कर्ज, लोहा, कृषि उपकरण तथा बन्धन का विचार शनि ग्रह से करते है। वही शनि के विपरीत चंद्रमा एक शुभ परन्तु निर्बल ग्रह है। चन्द्रमा एक राशि का संक्रमण केवल 2 से 2½ दिन में पूरा कर लेता है। चन्द्रमा के कार्यकाल में मन की स्थिति, माता का सुख, सम्मान,...