Thursday, July 3, 2014

वो जो मिलेंगे तो बत्ती भी मिलेगी शहर की नई तस्वीर भी बनेगी

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बिजली बिना चैन कहा रे, बत्ती बिना चैन कहा रे
बत्ती नहीं पानी नहीं छाव तो मिली आओ अब सो ले

बिजली बिना चैन कहा रे, बत्ती बिना चैन कहा रे
बत्ती नहीं पानी नहीं छाव तो मिली आओ अब सो ले

कोई नया नेता शहर मे तो है  
कोई नया मंत्री शहर में तो  हैं

वो जो मिलेंगे तो बत्ती भी मिलेगी
शहर की नई तस्वीर भी बनेगी

बत्ती के लिए दिल बेकरार करले
बिजली बिना चैन कहा रे, बत्ती बिना चैन कहा रे

बत्ती नहीं पानी नहीं छाव तो मिली आओ अब सो ले
बत्ती ले ले
नेता हमे वादे नहीं बिजली चाहिए
कोई वफादार नेता  चाहिए

पंखे बत्ती ऐसे जले जैसे बिजली चाहिए
अच्छा सा कोई ट्रांसफार्मर चहिये

ये भी होगा थोडा इंतज़ार कर ले

बिजली बिना चैन कहा रे, बत्ती बिना चैन कहा रे
बत्ती नहीं पानी नहीं छाव तो मिली आओ अब सो ले

अरे बत्ती ले ले

बत्ती नहीं पानी नहीं छाव तो मिली आओ अब सो ले
अरे बत्ती ले ले
बत्ती नहीं पानी नहीं छाव तो मिली आओ अब सो ले

अरे बत्ती ले ले

Posted By KanpurpatrikaThursday, July 03, 2014

" निर्माण नए भारत वर्ष का "

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" निर्माण नए  भारत वर्ष का "

अब हमको भी हो गया है ज्ञान
अब हम भी करेंगे ज्ञान का दान
और संस्कारित करेंगे उन बीजों को
जो करेंगे निर्माण
नए भारत वर्ष का
और देंगे ज्ञान की छाव  सबको
क्योंकि मैं  हु " संस्कार शाला "
मैं ही हु देव वाणी मैं ही हु अमृत वाणी
मुझमे ही है १०० अरब शब्दों का संग्रह
मैं ही हु संस्कृत मैं ही हु संस्कारित
न ही था न ही होगा मुझे अभिमान
क्योंकि मैं ही हु ज्ञान की जन्म दाता
मैं हु संस्कार शाला क्योंकि मिला है मुझे " आशीष " देवो से
आओ अब करे
नए भारत का निर्माण /
आशीष त्रिपाठी 

Posted By KanpurpatrikaThursday, July 03, 2014