सुहाग को बचाने की कोशिश आज की सावित्री की .......मौत और जिंदगी से जूझ रहे अपने सुहाग को बचाने के लिए रुचिका आर्थिक संघर्ष कर रही है ...रुचिका का पति तेज़ नारायण पेशे से ड्राईवर है डेड़ साल पहले अपने घर भीमसेन संचेदी में पड़े इस युवक की तीमारदारी में लगी पत्नी रुचिका अपने सुहाग के लिए बेहद परेशान है ...तेज़ नारायण का खुद का ट्रक था जो इसी बीमारी के चलते बिक गया है ...पी जी आई लखनऊ और सी एम् सी बेल्लुर में इलाज के लिए ले जाया गया डाक्टरों ने आपरेशन को आखरी रास्ता बताया ..जिसका की खर्च 06 लाख रूपया है रुचिका एम् ए राजनिति शास्त्र से...