Friday, April 12, 2013

दुनिया का पहला विश्व विद्यालय

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दुनिया का पहला विश्व विद्यालय सात सौ   ईसा पूर्व तब के हिंदुस्तान  और अभी में पाकिस्तान के तक्ष शिला जो की रावल पिंडी के पास है यह पाकिस्तान के रावल पिंडी में पचास किलोमीटर पश्चिम की और स्थित है / ये हिन्दू वैदिक और  बुद्ध धर्म  के लोगो का महतवपूर्ण केंद्र था  / ये नालंदा विश्वविद्यालय  की तरह बहुत  अच्छा नहीं था / यहाँ पर पूरी दुनिया से करीब दस हज़ार पाच सौ छात्र करीब साठ  विभिन्न विषयो  की शिक्षा लेते थे / विभिन्न विषयो में विज्ञानं गणित आयुर्वेद ,राजनीती ज्योतिष संगीत धर्म युद्ध खगोल विज्ञान  और दर्शन  शास्त्र की शिक्षा लेते थे / तक्षशिला मे प्रवेश के लिए  न्यूनतम आयु सोलह साल थी / तक्षशिला में प्रवेश  के  बाद छात्र चुने गए   विषय की शिक्षा  सीधे उस विषय के आचार्य  से लेता था / जिसका की एक निश्चित शुल्क हुआ करता था अगर कोई छात्र शुल्क नहीं दे पा रहा है तो अपने  आचार्य और तक्षशिला के कार्यो में योगदान दे कर अपना  शुल्क अदा  करता था / वेदों के साथ युद्ध कौशल में अपने  तरह से तीरंदाजी की शिक्षा दी जाती थी जिनमे कानून  चिकित्सा और सैन्य विज्ञानं  भी शामिल था / तक्षशिला मुख्य  रूप से चिकित्सा विज्ञानं के लिए प्रसिद्ध था /

पाणिनि प्रसिद्ध संस्कृत व्याकरण कर्ता ,कौटिल्य  चाणक्य और चारका प्रसिद्ध प्राचीन भारत के चिकित्सक,   चन्द्र गुप्त मौर्या  जैसे नाम इस विश्वव्ध्यालय के ही है कनिष्क के शासनकाल के दौरान तक्षशिला का महत्व उच्च शिक्षा के लिए और बड़  गया था / तक्षशिला से चाणक्य का नाम जुदेन्य के बाद इसकी उपयोगित ज्यादा हो गे थी /कहा जाता है की प्रसिद्ध ग्रंथ अर्थशास्त्र (अर्थशास्त्र के ज्ञान के लिए संस्कृत),चाणक्य द्वारा तक्षशिला में संयोजित किया गया था / यूनेस्को की वेब साईट में तक्षशिला को विश्व की धरोहर के रूप में सूचीबद्ध भी किया गया है /

Posted By KanpurpatrikaFriday, April 12, 2013