Tuesday, September 4, 2018

शमशान की धरती से पूछो

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।। शमशान की धरती से पूछो ।।

दिल में कितना दर्द छुपा है मुस्कुराते हुए चेहरे से पूछो
सुकून की रोटी कैसे खाता मजदूर उसके बाजू से पूछो
बेटियों को कैसे पाला है उस मां के हाथों से पूछो कैसे बेदर्द नजरें नोचती है जिस्म को अकेले में उस लड़की से पूछो
कैसे बिना दाग  विदा किया लड़की को उस बाप के कलेजे से पूछो
किसको गिराते हैं और किसको उठाते हैं यह समाज के ठेकेदारों से सीखो
कैसे चलते चलते  जिंदगी राख बनती है उस शमशान की धरती से पूछो ।

Posted By KanpurpatrikaTuesday, September 04, 2018