Thursday, December 10, 2015

ग्रहों के 120 गुण

Filled under:

ग्रहों के 120 गुण

लगन अगर-

मेष है तो आदमी का बच्चा है
वृष है तो धन की मशीन है
मिथुन है तो टेलीफ़ोन है
कर्क है तो भावना की पुडिया है
सिंह है तो अहम भरा हुआ है
कन्या है तो कर्जा दुश्मनी बीमारी से घिरा है
तुला है तो हर बात में फ़ायदा सोचने वाला है
वृश्चिक है तो भूतो का सरदार है
धनु है तो बाप दादा की बात करने वाला है
मकर है तो चौबीस घंटे काम ही काम है
कुम्भ है तो जल्दी रिस्ता बना सकता है
मीन है तो हमेशा मौन रहने वाला है

लगन से सूर्य अगर-

पहले भाव मे है तो अहम भरा है
दूसरे भाव मे है तो चमक के आगे कुछ दिखाई ही नही देता
तीसरे भाव मे है तो नेतागीरी पहले है
चौथे भाव मे है तो राजनीति वाली सोच है
पंचम भाव मे है तो परिवार मे ही राजनीति करने वाला है
छठे भाव मे है तो बाप को नौकर समझता है
सातवे भाव मे है जीवन साथी का गुलाम है
आठवे भाव मे है तो बेचारा दिल का मरीज है
नवे भाव मे है तो धर्म से भी कमाने वाला है
दसवे भाव मे है तो सभी काम नेतागीरी से किये जाते है
ग्यारहवे भाव मे है तो पिता को नोट छापने की मशीन समझता है
बारहवे भाव मे है तो आंखों का मरीज है

लगन से चन्द्र अगर-

पहले भाव मे है तो मन से काम करने वाला है
दूसरे भाव मे है तो ख्यालों से धनी है
तीसरे भाव मे है तो हर बात को पूंछ कर चलने वाला है
चौथे भाव मे है तो मकान दुकान और घर मे रहने वाला है
पंचवे भाव मे है तो मनोरंजन में ही मस्त रहने वाला है
छठे भाव मे है तो कोई काम सोचने से नही होता है
सातवे भाव मे है तो हर बात में माता की राय जरूरी है
आठवे भाव मे है तो दिल की गहराइया बहुत है,थाह पाना मुश्किल है
नवे भाव मे है तो हर काम भाग्य के भरोसे है
दसवे भाव मे है तो कार्य के लिये सोचने वाला है करने वाला नही है
ग्यारहवे भाव मे है तो कमाने के पहले ही कर्जा करने वाला है
बारहवे भाव मे है तो टोने टोटके और ज्योतिष मे रुचि रखने वाला है

मंगल अगर-

पहले भाव मे है तो तलवार का धनी है
दूसरे भाव मे है तो खरी खोटी सुनाने वाला है
तीसरे भाव मे है तो झगडा करने की आदत है
चौथे भाव मे है तो दिल को सुलगाने वाला है
पंचम भाव मे है तो खिलाडी है
छठे भाव मे है तो खून मे ही बीमारी है
सातवे भाव मे है तो काम मे चौकस है
आठवे भाव मे है तो जली हुयी मिठाई है
नवे भाव मे है तो खानदान को आग लगाने वाला है
दसवे भाव में है तो जो कहा है वह सच है,भले ही झूठ हो
ग्यारहवे भाव मे है तो चोरों का सरदार है
बारहवे भाव मे है तो तवे पर पानी छिनछिनाता है

बुध अगर-

पहले भाव मे है तो बातूनी है
दूसरे भाव मे है तो जमीन जायदाद वाला है
तीसरे भाव मे है तो चुगलखोर है
चौथे भाव मे है तो गाने बजाने मे रुचि है
पंचम भाव मे है तो गेंद की तरह परिवार को उछालने वाला है
छठे भाव मे है तो आवाज भी धीमी है
सातवे भाव मे है तो मौन रहकर सुनने वाला है
आठवे भाव मे है तो बात की औकात ही नही है
नवे भाव मे है तो पहुंच कर भी जगह से फ़िसलने वाला है
दसवें भाव मे है तो बातों का व्यापार करने वाला है
ग्यारहवे भाव मे है तो इतिहास को बखानने वाला है
बारहवे भाव मे है तो आधा पागल है

गुरु अगर-

पहले भाव मे है तो बेचारा अकेला है
दूसरे भाव मे है तो वेद को भी बेचकर खाने वाला है
तीसरे भाव मे है तो हर बात धर्मानुसार होनी चाहिये
चौथे भाव मे है तो कपडे की जानकारी है
पंचम भाव मे रास्ते चलते शिक्षा देने वाला है
छठे भाव मे है तो कर्जा दुश्मनी और बीमारी के मामले मे गुणी है
सप्तम भाव मे है तो धर्म पर बहस करने वाला है
अष्टम भाव मे है तो जमा पूंजी को खाने वाला है
नवम भाव मे है तो पूर्वजों के भाग्य की खा रहा है
दसम भाव मे है तो पूर्वजों की सम्पत्ति को बेच कर खाने वाला है
ग्यारहवे भाव मे है तो दोस्तों के साथ ही पति या पत्नी के सम्बन्ध बनाने वाला है
बारहवे भाव मे है तो आगे नाम चलाने वाला ही नही है

शुक्र अगर-

पहले भाव मे है तो खूबसूरत है
दूसरे भाव मे है तो बिना क्रीम लगाये कही जाने वाला नही
तीसरे भाव मे है तो सज संवर कर ही निकलेगा
चौथे भाव मे है तो रोजाना सवारी तो करनी ही है
पंचम भाव मे है तो फ़िल्म देखने से ही फ़ुर्सत नही है
छठे भाव मे है तो मकान दुकान और पत्नी को भी गिरवी रखने वाला है
सातवें भाव मे है तो जीवन को पैर के नीचे लेकर चलने वाला है
अष्टम मे है तो शमशान मे भी सो सकते है
नवम मे है तो देश मे तो रह ही नही सकते है
दसवे भाव मे है तो चमक दमक मे ही काम करना है,शाम को भले भूखा सोना पडे
ग्यारहवे भाव मे है तो शाम को रोटी भी उधारी की आ सकती है
बारहवे भाव मे है तो आराम का मामला है

शनि अगर-

पहले भाव मे है तो जड है
दूसरे भाव मे है तो धन की चिन्ता है
तीसरे भाव मे है तो आलसी है
चौथे भाव में ठंड अधिक लगती है
पंचम मे है तो कल का खाया ही नही पचता है
छठे भाव मे है तो सारी जिन्दगी की ताबेदारी यानी नौकरी है
सप्तम मे है तो रोजाना पहाड पर चढ कर काम करना है
अष्टम मे है तो सूखा कुआ है
नवम मे है तो भाग्य भरोसे नही काम के भरोसे कमाना है
दसवे भाव मे है तो दिन रात की मेहनत के बाद भी केवल रोटी
ग्यारहवे भाव मे है तो रोजाना काम का पैसा डूबने वाला है
बारहवे भाव मे है तो आराम के मामलो मे खर्चा नही

राहु अगर-

पहले भाव मे है तो आसमान से उतरना मुश्किल है
दूसरे भाव मे है तो पैसा कहां से आयेगा
तीसरे भाव मे है तो कोई भरोसा नही कब थप्पड मार दे
चौथे भाव मे है तो हर बात में शक है
पंचम मे है तो पढाई से क्या होता है हम तो बहुत जानते है
छठे भाव मे है तो बिना दवाई के रास्ता नही चलनी
सातवे भाव मे है तो घर मे कभी नही बननी
आठवे भाव मे है तो पता नही कब गुम जायें
नवे भाव मे है तो खाना खाने से भी पहले पूर्वजों का नाम लेना है
दसवे भाव मे कभी तो भूत की तरह काम करना है कभी करना ही नही है
ग्यारहवे भाव मे है तो कभी बहुत कमाई कभी धेला भी नही
बारहवे भाव मे है तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है

केतु अगर-

पहले भाव मे है तो अकेला काफ़ी है
दूसरे भाव मे है तो मालिक के लिये धनदायक है
तीसरे भाव मे है तो टेलीफ़ोन का तार है
चौथे भाव मे है तो बेचारा सांस का मरीज है
पंचम भाव मे है तो क्रिकेट का बल्ला है
छठे भाव मे है तो औजार ही खराब है
सातवे भाव मे है तो सामने खम्भा है
आठवे भाव मे है तो एक टांग टूटी है
नवे भाव मे है तो कोई धर्म हो सब एक जैसे है
दसवे भाव मे है तो सरकारी नेता है
ग्यारहवे भाव मे है तो हर काम बायें हाथ का है
बारहवे भाव मे है तो झंडा ऊंचा रहे हमारा

0 टिप्पणियाँ:

Post a Comment