Thursday, March 11, 2021

: शनिश्चरी अमावस्या कब है? जानें इसका महत्व, पितरों की पूजा की जाती है

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: शनिश्चरी अमावस्या कब है? जानें इसका महत्व, पितरों की पूजा की जाती है


... ...: पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 12 मार्च से होने जा रहा है . इस अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है . इस दिन व्रत रखकर पूजा करने से कई प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है . अमावस्या की पूजा शनिवार के दिन की जाएगी . शनिवार का दिन होने के कारण इस अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है . फाल्गुन अमावस्या को की जाने वाली पूजा से जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है . इस अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म भी किया जाता है . इस दिन स्नान और दान का भी विशेष फल बताया गया है .
 शनि ग्रह की शांति होती है शनिवार के दिन अमावस्या की तिथि पड़ने के कारण इस दिन शनि देव की पूजा करने से विशेष शांति होती है . जिन लोगों के जीवन में शनि से जुड़ी कोई परेशानी आ रही है वे इस दिन विधि पूर्वक शनिदेव का उपाय करें . लाभ मिलता है . इस दिन शाम के समय शनि मंदिर में शनि देव की पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है . जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही उन्हें इस दिन शनिदेव की पूजा से लाभ मिलता है 

. राहु और केतु से बनने वाले दोष दूर होते हैं जन्म कुंडली में राहु और केतु का अशुभ ग्रह माना गया है . राहु केतु से निर्मित

होने वाला कालसर्प दोष और पितृदोष व्यक्ति को परेशानियां प्रदान करता है . इसलिए इस दिन इन ग्रहों की भी शांति के लिए उपाय करना उत्तम माना गया है . शनि अमावस्या शुभ मुहूर्त अमावस्या तिथि आरंभ : 12 मार्च , शुक्रवार दोपहर 3 बजकर 5 मिनट से अमावस्या तिथि का समापन : 13 मार्च , शनिवार दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर सूर्य का राशि परिवर्तन : कुंभ राशि से निकल कर सूर्य अब करेंगे मीन राशि में गोचर , जानें 12 राशियों का राशिफल


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