Thursday, October 9, 2014

चक्रव्यूह जीवन का

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चक्रव्यूह जीवन का 

जीवन के चक्रव्यूह में कोई नहीं चाहता बीमारियों को शरीर पर
डाक्टर भी नहीं चाहता की मैं इलाज के पैसे लू
दुकानदार भी नहीं चाहता दवाई पर नफा लू
ईश्वर भी नहीं चाहता की मैं अपने भक्तो को कष्ट दू /
पर जीवन के इस चक्रव्यूह में एक समय एसा आता है की सब
न चाहते हुए भी जीवन के उस चक्रव्यूह में फस जाते है
कोई उस चक्रव्यूह में ही फसा रह जाता है(जीवन) तो  ,
कोई उस चक्रव्यूह को भेद कर बहार आ जाता है(मृत्यु) /
 

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