Thursday, August 18, 2011

अन्ना के इस आन्दोलन में भी भ्रष्टाचार !



अन्ना के इस आन्दोलन में भी भ्रष्टाचार !

अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी अनशन ने इतना असर किया की हर कोई अन्ना माय ही हो गया .. हर तरफ हर ओर बस एक ही नारा सुने पड़ रहा है " अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है " क्या बच्चा क्या बुड्डा सभी एक स्वर में नज़र आए ये दिवाली और ईद के त्यौहार से भी इतर आया सिक्ख भियो के गुरुगोबिंद सिंह जी के जन्म दिवस से अलग और इसी भियो के बड़े दिन से भी बड़ा .. आखिर ये अन्ना है कौन क्या कोई पूरी तरह से जनता है इनको ? शायद सभी नहीं जानते और शायद जानना भी नहीं चाहते क्योंकि वो बस इतना जानते है की अन्ना ने भ्रष्टाचार को मिटाने का बीड़ा उठाया है जो सही है इसमे उनका कोई स्वार्थ नहीं है ... लेकिन सबसे पहले जानते है की अन्ना है कौन ? और कहा से वो ताल्लुक रखते है ..
अन्ना का पूरा नाम किसन बाबूराव हज़ारे (जन्म 15 जनवरी, 1940), भारत के प्रसिद्ध गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अधिकांश लोग उन्हें 'अण्णा हजारे' के नाम से ही जानते हैं। सन् १९९२ में उन्हे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।सूचना का अधिकार लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। साफ-सुथरी छबि वाले हजारे भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष करने के लिये प्रसिद्ध हैं। जान लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिये उन्होने आमरण अनशन आरम्भ किया जिसे अपार समर्थन मिला जिससे घबराकर सरकार को उनकी मांगे मानने को विवश हुई।

लेकिन अन्ना हजारे के बारे में इतना जानने के बाद भी लोग क्या उनके इस अनशन में भ्रष्टाचार को बढावा नहीं दे रहे है ! बेशक अन्ना के इस आन्दोलन में भर्ष्टाचार की बू आ रही है मैने कानपुर समेत कई शरो में देखा और सुना की लोग किस तरह अन्ना का समर्थन अपने निजी स्वार्थ के लिए कर रहे है ये भर्ष्टाचार नहीं तो क्या है आज भारत में भर्ष्टाचार इस कदर बाद चुका है की मानसिकता में ही रच बस गया है .. एक स्कूल में बच्चो को होमावोर्क दिया जाता है और उन्हे याद करवाया जाता है की काळ जब आप लोग स्कूल आयेंगे .. और आपके सामने कैमरे दिखाई दे और आप से कोई पूछे की आप ये क्योँ कर रहे तो आप सभी ये कहना की हम अन्ना के साथ है अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है दूसरा रत्ता की की जब ये पूछा जाय की अन्ना क्या कर रहे है तो बताना की वो अनशन कर रहे है भ्रष्टाचार से लडने की लिए है .. कोई दो घंटे तक टेंट और तम्बू लगत है और नारे बजी करता है और जसे ही मीडिया अपना काम कर के जाती है सभी गायब हो जाते है एसा क्यों क्या सिर्फ अगले दिन संचार और न्यूज़ पेपर में पानी तशवीर और नाम देखने के लिए ही इतना सब शर्म करो भारतवाशियों जो इन्सान पाना सब कुछ छोड़ कर भारत के लिए कर रहा है उस इन्सान के इस आन्दोलन में भी भ्रष्टाचार ! नहीं करना तो मत करो अगर करना है तो पूरी तरह से ईमानदारी से करो !
एक और तो आम जनता कुछ जानती नहीं है दूसरी और सरकार को कोसती है उसके लिए जिसकी गलती जनता ने खुद की है गलत सरकार चुन कर और फिर जब कुछ करने की बरी आती है तो कहती है हमे क्या करना कौन आगे जय कोई साथ दे तो हम भी खडे हो जायेंगे .. लेकिन जब भारत का एक ७५ वर्षीय बुजुर्ग अपनी परवाह किये बैगैर खड़ा होता है की मैं बदलूँगा भारत की और उसके साथ अरविन्द केजरीवाल किरण बेदी , प्रशांत भूषण और स्वामी अग्निवेश और इनके पीछे भी न जाने कितने निस्वार्थ भाव से युवा खडे है लेकिन कुछ भारतीय अपनी फोटो और इस बहाने अपनी संस्था का नाम पेपर में छपवाने के लिए ही इस आन्दोलन को भी भ्रष्टाचार युक्त बना रहे है इसे लोगो से मेरा विनर्म अनुरोध है कृपया आप लोग इस पुण्य कार्य को गन्दा न करे ..


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ASHISH TRIPATHI
KANPUR
UTTER PRADESH
09307950278

3 टिप्पणियाँ:

  1. परतों को बारीकी से उकेरा है। अन्ना की इच्छाशक्ति व साहस की प्रशंसा करनी चाहिए। वन्देमातरम्।

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  2. बहुत सही त्रिपाठी जी ...यही अवाम को समझने की जरुरत है....

    जय हिंद!!!

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  3. dhanyawad nitin ji and alok ji apka shukriya

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