Wednesday, November 24, 2010

कानपुर में शेर आया.....

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कानपुर में शेर
यु तो देश में क्या दुनिया में लगातार शेर (बाघ) काम होते जा रहे है एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ भारत में ही पिछले 3 सालो में करीब 75 शेरो की मौत हो चुकी है ...लेकिन फिर भी भारत में कुछ अलग तरह के शेरो ( भ्रष्टाचारी लोग ) की संख्या लगातार बडती जा रही है ये शेर उन शेरो से ज्यादा खतरनाक है..ओर ये विलुप्त भी नहीं होंगे ...
लेकिन एक अजीब वाक्या हुआ पिछले दिनों कानपुर में एक शेर आया बीच शहर में घूम रहा था ...शेर कब आया कहा से आया क्यों आया किसके बुलाने पर ये किसी को नहीं पता ...लेकिन अजूबे की तरह जिसने भी देखा देखता रह गया...क्योंकि न तो कानपुर ओर न ही उसके आस पास के जिलो में कही सर्कस लगा है न ही कोई एसा जंगल है जहा शेर हो सो आश्चर्य तो होना ही था.... तभी एक मिश्रा जी तपाक से वहा पहुचे ओर वो भी देखते हुए बोले की भैया भीड़ क्यों लगी है लोगो ने बताया मिश्रा जी शेर आया है.. मिश्रा जी ने तुरंत ही पूछ दिया की किसके यहाँ आया है भीड़ ने जवाब दिया की आपके यहाँ ही ये है कब से आपका इंतज़ार कर रहा है आप कहा थे लेकिन मिश्रा जी ने बुरा नहीं माना ओर मुह बना कर अपना मोबाइल निकला ओर तपाक से अपने परिचित के पत्रकार को मिला दिया फिर क्या था पत्रकार महोदय ने उनसे कुछ देर में वहा आने का आश्वाशन दिया ओर मिश्रा जी से कहा की आप की भी फोटो आयेगी आप वही पर रुकियेगा ओर ये बताइए की कब कहा कैसे आया ... मिश्रा जी समाज की हर एक बातो पर नज़र रखते थे सो उन्होने तुरंत ही बता दिया की कहा से आया कहा है ओर क्या हो रहा है .. फिर क्या था पत्रकार महोदय ने तुरंत ही BREAKING न्यूज़ चलवा दी अपने चैनल पर ...

कानपुर में शेर आया लोग भयभीत ..

और पत्रकार महोदय तुरंत ही कैमरामैन लेकर घटना स्थल पर पहुच गए .. फिर क्या था कुछ ही देर में नेशनल चैनल से लेकर प्रादेशिक ओर लोकल से लेकर मोहल्ला स्तर के चैनल ओर समाचार पत्र के पत्रकार पहुच गय ओर सभी अपनी अपनी अपनी दलील देने लगे ...

और तो ओर सभी चैनल अपने अपने स्तर पर दावा भी करने लगे की सबसे पहले उनके चैनल ने ये खबर दी ओर उन्ही के पास EXCLUSIVE तस्वीर है...और तुरंत ही फ़ोनों का क्रम चालू हुआ तो सभी चैनल ही उस और दौड़ पडे...
की शेर कैसे आया
दूसरी और से पत्रकार ने जवाब दिया
की किसी ने देखा तो नहीं लेकिन फिर भी स्थानीय लोगो ने बताया की पैदल ही आया है ...
जान मॉल का कोई खतरा हुआ क्या ...
जवाब आया की अभी तक तो नहीं हुआ है आगे की संभावना जताई जा रही है ...
और लोगो ने कहा है की शेर ने आकर सभी प्रमुख मार्गो को जाम कर दिया है अभी तक जाम से जूझ रहा शहर एक बार फिर जाम की गिरफ्त में
ऐसी भी हेड लाइन चलने लगी...

लेकिन शेर अभी भी अपने स्थान पर खड़ा चुप चाप शांत और एकाग्र मन से सबकी बाते सुन रहा था ..
तभी एंकर का सवाल आता है की सुरक्षा व्यवस्था की क्या स्थित है..
रिपोर्टर ...जैसे ही शेर आने की खबर आई वैसे ही स्थानीय थाने से लेकर आला अधिकारी सभी दल बल के साथ तुरंत ही हमेशा की तरह दो घंटे बाद पहुचे है...लेकिन कोई भी अधिकारी अभी भी कुछ बता पाने में असमर्थ है ..वही वन विभाग के अधिकारी अभी तक नहीं पहुचे है और जब हमने उनसे बात करने की कोशिश की तो उनका जवाब था की शहर में शेर आ ही नहीं सकता है ..शेर जैसा ही कोई जानवर आया होगा फिर भी हम पूरी स्थित पर नज़र रखे  हुए है ...
और इस तरह से पूरे दिन स्थानीय नेता से लेकर सांसद तक शेर के चक्कर में अपने काम छोड़ कर न्यूज़ चैनल के फ़ोनों में व्यस्त रहे ...
मौजूदा सरकार ने अपने कार्यकाल में हुए कार्यो का गुणगान किया और शेर को विपक्षी पार्टियों का काम बता दिया वही विपक्षी पार्टी के नेता ये कहते नज़र आय की उनके कार्यकाल में शेर क्या गधे भी कभी सडको पर नहीं दिखाई दिए इसी सुरक्षा व्यवस्था की हमरी सरकार में ...और मौजूदा सरकार पूरी तरह से खोखली है ...और इस तरह शेर पर राजनेता भी राजनीती करने लगे ...

लेकिन शेर अभी भी वही पर खडे अपनी शांत मुद्रा में खड़ा राजनेताओ से लेकर सभी की बाते सुन रहा था ...और सोचने लगा की क्या अगर इस धरती में आने की जगह अगर हम मंगल पर जाते तो शायद इतना बवाल नहीं होता मैं तो सिर्फ रास्ता भूल गया था सो शहर की ओर आ गया ..कोई मुझे सही जगह पहुचने की जगह मेरे को शेर ही मानने से इंकार कर रहे है तो कोई विपक्षी पार्टी का कारनामा बता रही है ..वही मीडिया अपने कैमरे लगाय फोटो खीचते जा रही थी लेकिन मुझे लगता है इस सरकार में और मौजूदा सरकार में पता नहीं कितने शेर मौजूद है और उन्हे पकडने के लिए कभी किसी ने कदम नहीं उठाय  .....
फिर मेरे आने में इतना हंगामा क्यों समझ में नहीं आता की गलती किसकी है शायद मीडिया की जिसने जरा सी बात को इतना तूल दे दिया जिसने कभी शायद हमारी घटती आबादी पर इतना हल्ला नहीं मचाया होगा लेकिन किसी फिल्म के प्रमोशन के लिए अपना स्टूडियो तक बेच देते है .. .
मुझे तो लगता है की हम जंगल में ही ठीक है कम से कम धीरे धीरे हमारी आबादी कम तो हो रही है .. अगर हम भी इन शेरो की तरह लगातार बदते रहते तो शायद इंसानों के रहने के लिए जगह ही नहीं बचती ...
इतनी बाते शेर सोच ही रहा था की वन विभाग की टीम आती है और और शेर को चिड़ियाघर ले जाती है और सभी चैनेल्स की हेड लाइंस भी बदल जाती है...और फिर किसी बेखबर सी खबर को BREAKING NEWS बनाकर फिर हल्ला मचाना चालू कर दिया।
पंडित आशीष त्रिपाठी ।

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