Tuesday, August 3, 2010

पुलिस एक रूप अनेक ......यु पी पुलिस हमेशा

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पुलिस एक रूप अनेक ......यु पी पुलिस हमेशा से ही अपने अच्छे कामो से ज्यादा गंदे कामो की वजह से ज्यादा जानी जाती है ...कभी पुलिस हिरासत से भाग जाते है कैदी तो कभी किसी लड़की या महिलाओ की इज्ज़त तार तार करते मिलते है ये पुलिस वाले ... कभी बेसहारो को मारते है तो कभी अमीरजादो की गुलामी करते नज़र आते ये पुलिस वाले....

चेहरा एक ... कानपुर पुलिस के एक सिपाही ने मुफ्त जूस न देने पर गरीब जूस वाले का ठेलाही पलटा दिया ... ... किस्सा है रैनामार्केट का जहा रामदीन रोज़ की तरह अपना जूस का ठेला रैना मार्केट के पास लगाया था ... तभी कोहना थाने के दो सिपाही अपने दोस्तों के साथ फ्री में जूस पीने रामदीन की दुकान पर आ गय... बकौल रामदीन जब हमने फ्री में इतनी गिलास जूस देने से मना कर दिया तो गुस्से पुलिस वालो ने गाली देते हुए मेरा ठेला ही पलटा दिया ... जब इतने से ही दिल नहीं भरा तो उन्होने कोहना थाने से एक जीप में कई पुलिस वालो को बुला लिया... और अत्रिकमन लगाने के जुर्म में चालान करके थाने ले गई... वही कोहना थाना अध्यक्ष ने बतया की वी आई पी रोड से मिली हनी के कारन अक्सर अधिकारी यहाँ से निकलते है और अधिकारियो के कहने पर यहाँ से आत्रिकमन हटाया जा रहा था न मनाने पर ही ऐसी घटना हुई है ......दुकानदार के आरोप निराधार है ... वही रामदीन का कहना है की शुरुआत में तो हमने समझा की अगर यहाँ ठेला लगाना है तो पुलिस वालों की आवभगत तो करनी पड़ेगी लेकिन जब धीरे धीरे ज्यादा होने लगा और पुलिस वाले अपने दोस्तों के साथ आने लगे तो मैने मना कर दिया इससे गुस्साए पुलिस वालो ने ठेला पलटा दिया....
अरे कोहना थाना अध्यक्ष जी शहर के कई और क्षेत्र में भी टॉम अत्रिकमन लगा है और अधिकारी चिल्ला चिल्ला कर कहते है तब तो ऐसा नहीं होता है ...चेहरा दो ...मामला महिला थाने का है यहाँ पर महिला दरोगा पर आरोप है की पैसा लेने के बाद भी उसने काम नहीं किया ... मामला बर्रा 08 निवासी रामदीन की बेटी आशा की शादी 2008 में हुई थी जिसके बाद से ही ससुराल वाले आये दिन दहेज़ के लिए उसे परेशान करते थे इस आरोप में आशा के ससुराल वालो को नामजद किया गया था जिसमे उसकी सास और नन्द पति विवेक थे ... बकौल विवेक नाम हटाने के उनको 03 किस्तों में 17 हज़ार रुपये

दिए गई थे जो की तत्कालीन एस ओ मंजू कनोजिया जो की अब इटावा में है तथा दरोगा ओम प्रकाश सारस्वत लेकिन पैसा देते समय विवेक ने इनकी बाते अपने मोबाइल फ़ोन पर रिकॉर्ड कर ली थी ... पैसा देने के बाद भी उसको जेल भेज दिया गया था दिया ...जिसके बाद विवेक की बहन रीना ने पूरा मामला तत्कालीन एस एस पी को रेकॉर्डिंग सुना कर घटना की जानकारी दी थी ... मामला भ्रस्टाचार का होने के कारन उसे एंटी करप्सन विभाग को दे दिया गया था जिसकी जाँच होने पर मामला सही पाया गया ... इस सम्बन्ध में एंटी करप्सन टीम के इंस्पेक्टर एस के मिश्र ने इटावा व एटाके जिला पुलिस प्रमुखों को कार्यवाही के लिए लिखा है...
चेहरा 3 :- डी आई जी ने सभी थानों को एक आदेश दे रखा है की सप्ताह के पहले सोमवर को चेकिंग अभियान चलाया जाय जिसमे चौराहे के चारो और फाॅर्स लगा कर चेकिंग की जाय ... लेकिन यु पी पुलिस ऊपर से कानपुर .... वहां चेकिंग के नाम पर सिर्फ दो पहिया वाहनों को ही चेक किया जाता है ... इस चेकिंग के दौरान ब्रहम नगर चौराहे पर एक बाइक को पुलिस वालो ने रोकने की कोशिश की लेकिन वो भागने लगा फिर क्या था दौड़ा कर पकड लिया .. पकड़ा तो पकड़ा ऊपर से पिटाई भी कर दी साथ में चालान भी पकड़ा दिया ...पुलिस ने एक आदेश तो मान लिया की चेकिंग होगी लेकिन वाही डी आई जी ने ये भी कहा है की किसी से भी बदसुलूकी न करे लेकिन पुलिस है की मानती ही नहीं ...फिर हर कोई सत्ता पछ से जुड़ा है सो बाइक सवार थोड़ी ही देर में आधा दर्ज़न लोगो को लेकर पहुच गया जिसमे परिवार के लोगो के साथ एक नेता जी भी पहुच गय कहा सुनी हुई और गाली गलौज भी.. फिर क्या था पुलिस ने सभी को दौड़ा दौड़ा कर पीटा ... ये उत्तर प्रदेश पुलिस है जनाब ये तो सिर्फ 3 चेहरे ही है ... न जाने कितने चेहरे अभी भी छुपे है .

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