ए ख़त तू बता दे तुझमे लिखा क्या है
एक स्याही तू तो बता लिखा तुझसे क्या गया
लिफाफे जिसको लेकर आया तू बडे इत्मीनान से
आखिर उस मजमून में ख़ुशी या गम तू ही बता दे
लिखा है मेरे प्यार में इत्मीनान से जिसने
मोहब्बत
ऐ कागज़ तुम्हे तो पता ही होगा
वफ़ा से भरा ख़त है या बेवफ़ाई लिखी उसमे है
पड़ना आता अगर हमे खतो को
तो मोहब्बत हम शब्दों से करते !
आशीष त्रिपाठी
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