जहां यूक्रेन में रूसी हवाई हमलों से सारी दुनिया के देशों के साथ भारत के सबसे हालत खराब है क्योंकि यूक्रेन में भारत के लगभग 20000 छात्र-छात्राएं भी फंसे हैं यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए रूस ने मिसाइलों से लेकर तमाम आधुनिक संसाधनों को इस युद्ध में झोंकने में जुटा हुआ है ऐसी सूरत में दूसरे विश्व युद्ध के बाद किसी देश की इतनी बड़ी सैन्य कार्रवाई है जिसमें हजारों लोग मारे जा चुके हैं यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र छात्राओं की सुरक्षा को लेकर उनके घर वाले लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क साधने में जुटा हुआ है जिसमें राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के पास भी उन्हें सुरक्षित लाने की गुहार की जा रही है यहां तो 20000 छात्र छात्राओं के जीवन का सवाल है कि कोई मिसाइल यह छोड़कर तो दागी नहीं जाती कि इससे केवल यूक्रेन के लोगों को नुकसान पहुंचेगा भारतीय छात्रों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि कल जिस तरह रूसी हवाई हमले व मिसाइलों से रिहाईशी अपार्टमेंट्स को ध्वस्त किया गया उसे भारत के छात्र छात्राओं पर दिन पर दिन खतरा बढ़ रहा है ऐसी सूरत में इतनी बड़ी तादाद में छात्र छात्राए एक ही स्थान पर तो होंगे नहीं अलग-अलग स्थानों मे होंगे | यूक्रेन का विदेश मंत्रालय हो या अन्य सुरक्षा एजेंसियां जब वह अपने नागरिको सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं तो दूसरे की सुरक्षा वह कैसे करेंगे ऐसी स्थित में भारत देश के विदेश मंत्रालय के पास बड़ी विकट स्थिति फंसी हुई है कि वह आखिर क्या करे | आखिर रूस की इस सरासर यूक्रेन पर की जा रही दादागिरी में अपने भारतीय मूल के लोगों को कैसे निकालें छोटी मात्रा में तो इस भारतीय मूल के लोग हैं ही नहीं इनकी संख्या 20 हजार के आस पास है ऐसी परिस्थितियों में यहां फंसे लोगों के परिवारी जनों का सब्र टूटता जा रहा है वह यूक्रेन को एक के बाद एक तबाह होते टीवी चैनल पर देख रहे हैं जिनके धमाके उनके कानों में सुनाई दे रहे है उसके बाद उनकी हालत बहुत खराब है ऐसे में भारत के पास दिलासा के अलावा कोई चारा नहीं है जबकि भारत अच्छी तरह जान रहा है कि रूस अपनी सैनिक कार्रवाई व हवाई हमले अभी हाल फिलहाल रोकने में रहा ऐसी स्थिति में भारत विकट स्थिति में फंसा है वह क्या करें जिसके लिए वे रूस के विदेश मंत्रालय व राष्ट्रपति से तत्काल संपर्क में जुटा है कि वह अपने मूल के लोगों को वहां से सुरक्षित कैसे निकाले |