सूर्य कालानल चक्र
सूर्य
काला नल चक्र का प्रयोग दैनिक प्रश्न गत यात्रा शत्रु विजयी आदि में प्रयोग करते
है |
सूर्य काला नल चक्र के
द्वारा पिता से सम्बन्ध पिता का सुख सहयोग पिता का स्वास्थ्य अदि का विचार करते है
| सूर्य कालानल चक्र दो प्रकार से बनते है |
प्रथम जन्म कालीन सूर्य
काला नल चक्र
दूसरा प्रश्न कालीन सूर्य
काला नल चक्र
सूर्य कालानल चक्र का फल
निम्न प्रकार से है |
त्रिशूल वाली रेखाओ में
नीचे मूल में क्रमशः चिंता वध बंधन
दोनों श्रृंगो में पडे तो रोग
होने की सम्भावना
तीनो त्रिशूल में पडे तो
मृत्यु तुल्य कष्ट और पराजय
अन्य स्थान विजयी व शुभ धन
लाभ अभीष्ट की सिद्धि कार्य सफलता |
ग्रहों का वेध गोचर कालीन
कालानल चक्र में त्रिशूल मूल और श्रिंग इत्यादि अशुभ स्थानों में जो ग्रह बैठते है
उनका वेध मन जाता है |यदि चंद्रमा का वेध होता है तो मनशिक कष्ट, मंगल का वेध होतो
धन हानि,शनि का वेध रोग पीड़ा, राहु केतु का वेध मृत्यु तुल्य कष्ट, शुक्र का वेध
हो तो रत्न लाभ मित्र लाभ, गुरु का वेध हो
तो धन लाभ, बुध का वेध हो तो सभी प्रकार के सुख लाभ|