नपुंसक होती छात्र राजनीति
विक्षिप्त होते राजनेता
कभी देश में ऐसे राजनेता
बनते थे जो कभी छात्र जीवन की जिंदगी भी जिए और उन्होने देश के लिए काफी कुछ किया
और दिया / और कभी देश को शर्मिंदा नहीं होने दिया / लेकिन साल दर साल बड़ते
राजनितिक दल और माफियाओ का राजनीति में प्रवेश में राजनीति को तो गन्दा किया ही है
साथ में देश की इज्ज़त को भी पूरे विश्व में नीलम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी /
देश मौजूदा समय में जहा आगे
बढने की कोशिश में लगा है वहा इस तरह की राजनीति हमे कहा ले जाएगी / सिर्फ
पाकिस्तान की अगर बात करे तो उसने अपने को जिस वातावरण में रखा है उस पर वो अडिग
भी है सिर्फ एक प्रसंशक भारत का झंडा लहरा देता है बस दस साल की कैद और उके बाद
क्या होगा वो ही जाने /लेकिन यहाँ अपने देश में देश विरोधी नारे लगते है उस पर
जाँच और जाँच के बाद गिरफ़्तारी और केस और तारीख पर तारीख / साथ में हमारे देश के
विक्षिप राज नेता इनके समर्थन में आ गए ये किस मानसिकता को दर्शाते है ,की उन्हे
सिर्फ अपने वोटो से मतलब है या फिर सरकार के विरोध में ही खडे होना है या फिर सीधा
की इनकी जेब में पैसे इस बात के ही आते है की आप अपने देश के साथ गद्दारी करे /
जब छात्र कुछ पद लिख के कुछ
बनाने आए है तो उन्हे या उनके दिमाग में घ्रणित मानसिकता को जमन क्यों दिया जा रहा
है क्या इसके पीछे उनके खर्चे उनकी आय से ज्यादा है साथ में उनकी अय्यासी भी तो
नहीं है या उनको किसी मज़बूरी की वजह से उनसे ये करवाया जा रहा है /
और अगर ऐसे छात्र नेता देश
के नेता भविष्य में बनेगे तो ये तो अतंकवादियो को सीधे ही देश में बुला के देश में
ऐसी गन्दी गतिविधिया करवाने में गुरेज़ नहीं करेंगे /
बात सिर्फ नरो की नहीं है
बात देश के भविष्य की है की अगर ऐसे ही छात्र नेता भविष्य में नेता बनने के सपने
देख रहे है तो निश्चित ही उनके समर्थन में खड़ी पार्टियों के विक्षिप्त नेता उन्हे टिकट भी दे देंगी और भविष में ये नपुंसक
नेता देश को नपुंसक बनाने में देर नहीं लगायेंगे /