आज इस कड़ी में पेश है कानपुर देहात का एक क़स्बा सिकन्दरा.............
सिकन्दरा कानपुर नगर से ९० किमी दूर पश्चिम दिशा में तथा औरैया जिला से १५
किमी दूर पूर्व दिशा में नेशनल हाईवे नंबर २ पर स्थित हैं.सिकन्दरा कस्बे
से २ किमी दूर साखिन बुजुर्ग ग्राम है जहाँ एक कोस मीनार स्थित है.जिसको
मुग़ल शाशन काल में बनवाया गया था.यह कोस मीनार मुग़ल रोड पर स्थित
है.सिकन्दरा से मुग़ल रोड निकलती है जो भोगनीपुर से होते हुए कानपुर के
रामादेवी चौराहे पर मिली है.इस रोड को पहले राष्ट्रीय राज्य मार्ग २ के
नाम से जाना जाता था.मुग़ल रोड का प्रयोग मुग़ल शासक परिवहन के लिए किया करते
थे.मुग़ल शासको ने इस रोड पर लगभग ३.२ किमी की दूरी पर कोस मीनारे बनवाई थी
जिनका निर्माण १५५६ से १७०७ के बीच में हुआ था.इस कस्बे पर प्राचीन समय पर
बस्ती एक ऊँचे टीले पर हुआ करती थी जिसे गडी के नाम से जाना जाता था
.वर्तमान समय में इस कस्बे की जनसँख्या १०८८४ है(सन २००१) जिसमे ५३ प्रतिशत
पुरुष और ४७ प्रतिशत महिलाये हैं.वर्तमान में यहाँ एक तहसील है एवं मुख्य
बस्ती से लगभग २ किमी दूर एक होटल एवं पेट्रोल पम्प है .१९
वी सदी से पहले इस कस्बे में फुकनी से सीसी बनाने का काम और लाख की
चूड़ियाँ बनाने का काम होता था इसके साथ ही यहाँ तबला और ढोलक मढ़ी जाती
थी.यहाँ की आटा छानने की छन्नी बहुत प्रसिद्ध हुआ करती थी.यहाँ पर कच्चा
साबुन बनाने का काम होता था.सिकन्दरा तथा आस पास के क्षेत्रो में
भेड़ पालने का काम बहुत बड़ी तादाद में होता था.वर्तमान समय में इस कस्बे
ने अपनी पुरानी पहचान पूरी तरह से खो कर नयी पहचान को ग्रहण कर लिया है.
.... प्रस्तुतकर्ता राजेश विश्नोई
http://kanpurbloggers.blogspot.in/2011/02/kanpur-atit-ke-saye-se.html