मृत्यु तुम क्यों आती हो
सबको क्यों रुलाती हो
जीवन जब आता है
खुशिया ढेरो लाता है
सबको हँसाता है
यादे बचपन की ताज़ा कर जाता है
लेकिन मृत्यु जब तुम आती हो
दुःख अपार लाती हो
खुशियों पर अघात लगाती हो
तन मन सब छिन्न भिन्न हो जाता है
मष्तिष्क भी उदास हो जाता है
ईश्वर ही भेजता जीवन तुमको भी
और मृत्यु तुमको भी
फिर इतना अंतर क्यों रखा उस ईश्वर ने
जीवन जो हँसाता है
मृत्यु क्यों रुलाती है
जीवन लगता लड़का है
म्रत्यू लगती लड़की है
जो बिदा होती घर से
तो दुःख सबको होता है
जीवन लगता लड़का है
जो लाता घर पर खुशिया है
क्या लड़का इसलिए ही चिराग है
और लड़की बोझ है
इसलिए ही जीवन जवानी है
और बुढ़ापा बोझ है
मृत्यु तुम क्यों आती हो
जीवन की तरह खुशियाँ क्यों नहीं लाती हो /
सबको क्यों रुलाती हो
जीवन जब आता है
खुशिया ढेरो लाता है
सबको हँसाता है
यादे बचपन की ताज़ा कर जाता है
लेकिन मृत्यु जब तुम आती हो
दुःख अपार लाती हो
खुशियों पर अघात लगाती हो
तन मन सब छिन्न भिन्न हो जाता है
मष्तिष्क भी उदास हो जाता है
ईश्वर ही भेजता जीवन तुमको भी
और मृत्यु तुमको भी
फिर इतना अंतर क्यों रखा उस ईश्वर ने
जीवन जो हँसाता है
मृत्यु क्यों रुलाती है
जीवन लगता लड़का है
म्रत्यू लगती लड़की है
जो बिदा होती घर से
तो दुःख सबको होता है
जीवन लगता लड़का है
जो लाता घर पर खुशिया है
क्या लड़का इसलिए ही चिराग है
और लड़की बोझ है
इसलिए ही जीवन जवानी है
और बुढ़ापा बोझ है
मृत्यु तुम क्यों आती हो
जीवन की तरह खुशियाँ क्यों नहीं लाती हो /