Sunday, March 7, 2021

सदा विजयी होने के लिए जानिए विजया एकादशी कथा माहात्म्य -

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सदा विजयी होने के लिए जानिए विजया एकादशी कथा माहात्म्य -

फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस साल विजया एकादशी 9 मार्च 2021 को है। नाम के अनुसार ही इस एकादशी का व्रत करने वाला सदा विजयी रहता है। 

प्राचीन काल में कई राजा-महाराजा इस व्रत के प्रभाव से अपनी निश्चित हार को भी जीत में बदल चुके हैं। विजया एकादशी व्रत के बारे में पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में अति सुन्दर वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि कि जब जातक शत्रुओं से घिरा हो तब विकट से विकट से परिस्थिति में भी विजया एकादशी के व्रत से जीत सुनिश्चित की जा सकती है। कहा जाता है कि विजया एकादशी का व्रत करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है।

विजया एकादशी व्रत करने वाले के जीवन में शुभ कर्मों में वृद्धि, मनोवांछित फलों की प्राप्ती होती है और कष्टों का नाश होता है। इतना ही नहीं जो भी इस एकादशी का व्रत विधि विधान और सच्चे मन से करता है वह भगवान विष्णु का कृपापात्र बन जाता है।

विजया एकादशी कथा माहात्म्य - 

अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से एकादशी का महात्मय सुन कर आनन्द विभोर हो रहे हैं। जया एकादशी के महात्मय को जानने के बाद अर्जुन कहते हैं माधव फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या महात्मय है आपसे मैं जानना चाहता हूं अत: कृपा करके इसके विषय में जो कथा है वह सुनाएं।

अर्जुन द्वारा अनुनय पूर्वक प्रश्न किये जाने पर श्री कृष्णचंद जी कहते हैं प्रिय अर्जुन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस एकादशी का व्रत करने वाला सदा विजयी रहता है। 

हे अर्जुन तुम मेरे प्रिय सखा हो अत: मैं इस व्रत की कथा तुमसे कह रहा हूं, आज तक इस व्रत की कथा मैंने किसी को नहीं सुनाई। तुमसे पूर्व केवल देवर्षि नारद ही इस कथा को ब्रह्मा जी से सुन पाए हैं। तुम मेरे प्रिय हो इसलिए तुम मुझसे यह कथा सुनो।

त्रेतायुग की बात है श्री रामचन्द्र जी जो विष्णु के अंशावतार थे अपनी पत्नी सीता को ढूंढते हुए सागर तट पर पहुंचे। सागर तट पर भगवान का परम भक्त जटायु नामक पक्षी रहता था। उस पक्षी ने बताया कि सीता माता को सागर पार लंका नगरी का राजा रावण ले गया है और माता इस समय आशोक वाटिका में हैं। 

जटायु द्वारा सीता का पता जानकर श्रीराम चन्द्र जी अपनी वानर सेना के साथ लंका पर आक्रमण की तैयारी करने लगे परंतु सागर के जल जीवों से भरे दुर्गम मार्ग से होकर लंका पहुंचना प्रश्न बनकर खड़ा था।

भगवान श्री राम इस अवतार में मर्यादा पुरूषोत्तम के रूप में दुनियां के समझ उदाहरण प्रस्तुत करना चाहते थे अत: आम मानव की भांति चिंतित हो गये। जब उन्हें सागर पार जाने का कोई मार्ग नहीं मिल रहा था तब उन्होंने लक्ष्मण से पूछा कि हे लक्ष्मण इस सागर को पार करने का कोई उपाय मुझे सूझ नहीं रहा अगर तुम्हारे पास कोई उपाय है तो बताओ। 

श्री रामचन्द्र जी की बात सुनकर लक्ष्मण बोले प्रभु आपसे तो कोई भी बात छिपी नहीं है आप स्वयं सर्वसामर्थवान है फिर भी मैं कहूंगा कि यहां से आधा योजन दूर परम ज्ञानी वकदाल्भ्य मुनि का निवास हैं हमें उनसे ही इसका हल पूछना चाहिए।

भगवान श्रीराम लक्ष्मण समेत वकदाल्भ्य मुनि के आश्रम में पहुंचे और उन्हें प्रणाम करके अपना प्रश्न उनके सामने रख दिया। मुनिवर ने कहा हे राम आप अपनी सेना समेत फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखें, इस एकादशी के व्रत से आप निश्चित ही समुद्र को पार कर रावण को पराजित कर देंगे। 

श्री रामचन्द्र जी ने तब उक्त तिथि के आने पर अपनी सेना समेत मुनिवर के बताये विधान के अनुसार एकादशी का व्रत रखा और सागर पर पुल का निर्माण कर लंका पर चढ़ाई की। राम और रावण का युद्ध हुआ जिसमें रावण मारा गया।

हे अर्जुन विजया एकादशी की जो कथा है वह मैंने तुमसे कहा अब इस व्रत का जो विधान है वह तुम मुझसे सुनो। श्री रामचन्द्र जी ने जिस विधि से विजया एकादशी का व्रत किया उसी विधि से विजया एकादशी का व्रत करना चाहिए। 

दशमी के दिन एक वेदी बनाकर उस पर सप्तधान रखें फिर अपने सामर्थ्य के अनुसार स्वर्ण, रजत, ताम्बा अथवा मिट्टी का कलश बनाकर उस पर स्थापित करें। एकदशी के दिन उस कलश में पंचपल्लव रखकर श्री विष्णु की मूर्ति स्थापित करें और विधि सहित धूप, दीप, चंदन, फूल, फल एवं तुलसी से प्रभु का पूजन करें। व्रत के पूरे दिन भगवान की कथा का पाठ एवं श्रवण करें और रात्रि में कलश के सामने बैठकर जागरण करे। द्वादशी के दिन कलश को योग्य ब्राह्मण अथवा पंडित को दान कर दें।

अत: हे राजन्! जो कोई मनुष्य विधिपूर्वक इस व्रत को करेगा, दोनों लोकों में उसकी अवश्य विजय होगी। श्री ब्रह्माजी ने नारदजी से कहा था कि हे पुत्र! जो कोई इस व्रत के महात्म्य को पढ़ता या सुनता है, उसको वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

विजया एकादशी मुहूर्त-

एकादशी तिथि प्रारम्भ- मार्च 08, 2021 सोमवार को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त- मार्च 09, 2021 मंगलवार को 03 बजकर 02 मिनट तक 

पारण का समय- 10 मार्च, बुधवार सुबह 06 बजकर 36 से सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक

।। आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो ।। 

                 🙏  धन्यवाद  🙏

Posted By KanpurpatrikaSunday, March 07, 2021

❖▩ஜआज का पंचांग, 8 मार्च 2021, सोमवार,,❖▩ஜ

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❖▩ஜआज का पंचांग, 8 मार्च 2021, सोमवार,,❖▩ஜ

🌞🛕 *जय रामजी की*🛕🌞 

 🏹 *जय माँ जगदम्ब भवानी*🏹

       *🐀🐘जय श्री गणेश🐘🐀*
          ▩ஜआज का पंचांग ۩۞۩ஜ

8 मार्च 2021, सोमवार, विक्रमी सम्वत 2077, शाका 1942, फाल्गुन मास, कृष्ण पक्ष, फाल्गुन मास की प्रविष्टा 25, उत्तरायण, दक्षिणगोल, बसन्त ऋतु, तिथि दशमी सायं 3:45 तक तदनन्तर एकादशी, नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा, सूर्योदय 6:50am, सूर्यास्त 6:27pm, राहुकाल प्रातः 7:30 से 9:00

तिथि: स्वामी दयानन्द सरस्वती जयन्ती

🐏 *मेष (Aries):*व्यक्तिगत जीवन से काफी सन्तुष्ट रहेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको पुरस्कार मिल सकता है। आज दिन भर महत्वपूर्ण कार्यों में लगे रहेंगे। भाई-बहनों से जुड़ी कोई शुभ सूचना मिल सकती है। आप दूसरों की सहायता करने का प्रयास करेंगे।

🐂 *वृषभ (Tauras):*कोई महत्वपूर्ण कार्य आज टल सकता है। कार्यक्षेत्र में ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। अपने आत्मविश्वास को बनाये रखें। अत्यधिक भावुक होने से कुछ गलतियाँ कर सकते हैं। शोधकार्यों और अनुसंधान में सफलता मिलेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन सामान्य रहेगा।

👭 *मिथुन (Gemini) सन्तान से शुभ समाचार मिल सकता है। नये मित्रों से आपको मिलने का अवसर मिलेगा। व्यवसाय में आपको बेहतरीन उन्नति मिलेगी। अति आत्मविश्वास से आपको बचना चाहिये। बीमार लोगों की सेहत में सुधार आयेगा।

🦀 *कर्क (Cancer):*विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम के लिये अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी। आर्थिक उन्नति के नये मार्ग प्रशस्त होंगे। लेन-देन करने से पूर्व थोड़ी जांच-परख अवश्य कर लें। आज आप स्वादिष्ट भोजन विशेष रूप से मिष्ठान्न का आनन्द उठा सकते हैं। अधीनस्थ कर्मचारियों से आपको लाभ प्राप्त होगा।

🦁 *सिंह (Leo):परिजनों की दृष्टि में आपका सम्मान बढ़ेगा। आपकी आर्थिक स्थिति बहुत ही अच्छी रहने वाली है। प्रेम विवाह को पारिवारिक सहमति मिल सकती है। आज काफी तरोताजा महसूस करेंगे। सभी कार्य आसानी से पूर्ण हो जायेंगे। घर में भोज का किसी उत्सव का आयोजन कर सकते हैं।

👧🏻 *कन्या (Virgo):*नौकरीपेशा लोगों को लगन से काम करना चाहिये। नया वाहन खरीदने का विचार बनायेंगे। आप परेशानी के दौरान भी सकारात्मक बने रहेंगे। घर में किसी वस्तु की अचानक जरूरत पड़ने के कारण उसे खरीदना पड़ेगा। सहकर्मियों पर एकतरफा विश्वास न करें।

⚖ *तुला (Libra):*नये अनुबन्ध आज आपको मिल सकते हैं। प्रेमी जन के साथ आज घूमने जाने का विचार बनायेंगे। कार्य सम्बन्धित लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर लेंगे। अपनी कार्यशैली में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। नये विचारों का सृजन होगा।

🦂 *वृश्चिक (Scorpio):वित्तीय मामलों में आपको काफी अनिश्चचितता का सामना करना पड़ेगा। भ्रम की स्थितियों के कारण वादविवाद न करें। आपके घर मेहमान आ सकते हैं। दूसरों की बातों पर सीधे यकीन न करें। शरीर में थकावट हो सकती है। आपके सौन्दर्य में वृद्धि होगी।

🏹 *धनु (Sagittarius):*अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पण भाव रखेंगे। नयी जॉब का प्रस्ताव आ सकता है। लोग आपको सहयोग कर सकते हैं। उच्चाधिकारियों से आपको प्रशंसा प्राप्त होगी। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी। मनोवांछित वस्तु के प्राप्त होने के योग भी बन रहे हैं।

🐊 *मकर (Capricorn):*भोगविलास में आज काफी प्रवृत्त रहेंगे। अनुशासनहीनता के कारण काम बिगड़ सकते हैं। बच्चों के करियर को लेकर थोड़े सचेत रहें। आज आपको अपना ध्यान स्थिर रखना चाहिये। शेयर मार्केट में ध्यानपूर्वक ही निवेश करें।

⚱ *कुंभ (Aquarius)*उत्तम स्वास्थ्य सुख का आनन्द उठायेंगे। किसी इच्छानुसार काम होने से मन प्रसन्नचित्त रहेगा। आज छुट्टी लेकर कहीं घूमने निकल सकते हैं। जीवनसाथी के साथ आपका सामंजस्य बेहतरीन रहेगा। उलझे हुए मामलों को सुलझाते चले जायेंगे।

🧜‍♀ *मीन (Pisces ) *विद्यार्थी नये कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिये आज का दिन काफी शुभ रहेगा। आपके मन में किसी वस्तु के प्रति प्रबल आकर्षण रहेगा। प्रेमी जन को आज काफी समय देंगे। लीवर की समस्याओं को ध्यान में रखें।

*💥🌺🚩आपका दिन शुभ हो 🚩🌺💥*

     पंडित आशीष त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य 

    *🎊🎉🎁 आज जिनका जन्मदिवस या विवाह वर्षगांठ हैं उन सभी मित्रो को कोटिशः शुभकामनायें🎁🎊🎉*
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       *😍आपका दिन शुभ हो😍*
     *🚩जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम🚩*

Posted By KanpurpatrikaSunday, March 07, 2021