मौत हूँ मैं....
मौत आती है तब परेशान होता है कोई ..
मौत आती है तब जब सोता है कोई
मौत आती है जब सामने कोई हंसीना हो
मौत आती है जब सामने कोई रोती बूढी माँ हो ....
मौत हूँ मैं
मौत आती है जब जीना चाहता हूँ मैं
मौत आती है जब खुश होता हूँ मैं
मौत दिखती है तब भ्रष्टाचारियो से मिलता हूँ जब
मौत दिखती है तब झूठा आश्वासन मिलता है शहीदों को तब
मौत हूँ मैं
मौत जाती है कब जब जमाने से लड़ता हूँ मैं
मौत जाती है कब जब अपने कर्मो को देखता हूँ मैं
मौत जाती है कब तब जब ईमानदारो से मिलता हूँ मैं
मौत जाती है कब जब सैनिक मर मिटते है देश प्रेम में
मौत हूँ मैं '
मौत डरती है तब जब हौसले बुलंद होते है तब
मौत डरती है तब जब "आशीष " माता पिता का होता है तब
मौत डरती है तब जब रोते हुये गरीब को हँसाते है तब
मौत डरती है तब जब फ़रिश्ते ज़मीन पर आते है तब
मौत हूँ मैं...मौत हूँ मैं .. मौत हूँ ..
ABOUT कानपूर पत्रिका
कानपूर का अपना ब्लॉग जिसे पसंद करते है आप, आप का इस ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद क्योंकि अपने अपना बहुमूल्य समय जो दिया .......कानपुर पत्रिका ;
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment