कृष्णमूर्ति पद्धयती में उच्च शिक्षा के योग :-
कृष्ण मूर्ति पद्धयती के द्वारा हम यह जान सकते है की जातक उच्च शिक्षा में
सफल होगा की नहीं अगर होगा तो वो उच्च शिक्षा रेगुलर करेगा या फिर डिस्टेंस से |
अगर जातक एमबीए करना चाहता है तो एमबीए में उसको कौन सी फिल्ड सही रहेगी ये सब हम
कुंडली के द्वारा और श्री कृष्ण मूर्ति पद्धयती में बताय गए सूत्रों से जान सकते
है | उच्च शिक्षा का अर्थ स्नातक के बाद करने वाले कोर्से जैसे एमबीए पीएचडी आदि |
इसके लिए निम्न लिखित नियम देखना जरुरी है .....
कस्प कुंडली में नवम भाव नवम भाव के स्वामी और इसके उप नक्षत्रस्वामी |
नवम भाव के स्वामी अपने उपनक्षत्रस्वामी के द्वारा इंगित
करे चौथे भाव को या नवम भाव को या एकादश भाव को तीनो में किसी एक को या तीनो को |
नवम भाव के स्वामी अपने उपनक्षत्रस्वामी के द्वारा इंगित न करे
चौथे भाव को या नवम भाव को या एकादश भाव को | बल्कि इंगित करे तीसरे भाव या आठवे भाव को |
क्योंकि चौथा भाव का द्वादश भाव है तृतीय भाव जो अनियमितता को दर्शाता है वही
नवम भाव का द्वादश भाव है अष्टम भाव को जो उच्च शिक्षा की असफलता को दर्शाता है |
साथ में हमे यह भी देखना है की प्रश्न करते समय गोचर में नवम भाव के स्वामी व
उपनक्षत्रस्वामी ग्रह वक्री तो नहीं है अगर वक्री है तो अभी उपयुक्त समय नहीं है
या उच्च शिक्षा में देरी है |
इसलिए प्रश्न करते समय गोचर में ये ग्रह मार्गी रहे |
यदि नवम भाव के स्वामी कनेक्ट हो रहे है चौथे भाव से तो जातक रेगुलर शिक्षा
ग्रहण करेंगे |
यदि नवम भाव के स्वामी कनेक्ट हो रहे है तृतीय भाव और साथ ही साथ नवम भाव
दोनों के साथ तो जातक दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करेंगे |
अगर जातक पी एच डी करना चाहता है तो इसके लिए हमें निम्न नियमो को देखना होगा
:-
पी एच डी के लिए हम सभी जानते है की पी एच डी करने की बाद व्यक्ति अपने नाम के
आगे डाक्टर लिखता है और डाक्टर या अस्पताल का घर है द्वादश भाव | इसलिए पी एच डी
के लिए हमने द्वादश भाव उसके स्वामी और उसके नक्षत्र स्वामी को ध्यान में रखना है
उनकी स्थित देखनी है |
द्वादश भाव के भाव स्वामी और उप नक्षत्र स्वामी यदि कैसे भी इंगित कर रहे है
चौथे भाव को नवम भाव को और 11 वे भाव को यहाँ
पर सिर्फ एक भाव को न देखे अर्थात 12वे भाव का सम्बन्ध (भाव स्वामी और उप नक्षत्र
स्वामी) 11+9 या 11+4 या 9+4 इन तीन स्थितियों में कोई एक स्थित बने |
साथ में जातक के जन्मपत्री में शनि का भी सम्बन्ध 11+9 या 11+4 या 9+4 इन तीन
स्थितियों में कोई एक स्थित बने | क्योंकि शनि रिसर्च के कारक गहरी सोच के कारक
माने जाते है |
तीसरा की जातक जब पी एच डी करता है तो उसे थिसेस लिखनी पड़ती है और वो थिसेस ही
निर्णायक सिद्ध होती है जातक के पी एच डी के लिए | और हम जानते है की लेखन के लिए
तृतीय भाव को देखते है |
तृतीय भाव के भाव स्वामी उपनक्षत्र स्वामी का सम्बन्ध चौथे भाव नवम भाव या ११
वे भाव से बनना जरुरी है |
एम् बी ए
अगर हम उच्च सिक्षा में एम् बी ए की बात करे तो इसके लिए आज हर कोई जानना
चाहता है या ये कहे की एम् बी ए के क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति जाना चाहता है
क्योंकि उनको लगता है की इसके द्वारा नौकरी आसानी से मिल सकती है |
एम् बी ए के लिए हमे यह देखना है की नवम भाव का सम्बन्ध बुध ग्रह के साथ होना
जरुरी है जैसे
नवम भाव में मिथुन या कन्या राशि जो बुध की है वो हो
या नवम भाव के उप नक्षत्र स्वामी बुध बने
या बुध स्वयं नवम भाव में बैठे हो |
और बाकि नियम उपरोक्त तरह ही रहेंगे चतुर्थ भाव नवम भाव व एकादश भाव का
सम्बन्ध बने |
अब प्रश्न ये उठता है की एम् बी ए की विषय से करे
जैसे MBA in Finance, MBA in Marketing, MBA in HR
MBA in Finance के लिए शुक्र का सम्बन्ध नवम भाव व दुसरे भाव से बने |
MBA in Marketing के लिए नवम भाव का सम्बन्ध चर राशियों से बने |
MBA in HR के लिए नवम भाव का सम्बन्ध शनि के साथ व साथ ही साथ गुरु ग्रह के साथ भी बने |
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