चैनल के प्रसारण पर रोक
लोगो का एक दिनी शोक डाक्टर ने मरने की डेट निश्चित कर दी है !
चैनल के एक दिन के प्रसारण पर रोक पर इतनी हाय
तौबा शोक मनाया जा रहा है ज्यादातर पत्रकार और प्रेस क्लब एक साथ दंभ भर रहे है की
सरकार का निर्णय गलत है !
क्या इससे पहले किसी चैनल
के प्रसारण पर रोक नहीं लगी
अगर नहीं लगी तो इससे पहले
सर्जिकल स्ट्राइक भी नहीं हुई थी !
इतना शोर क्यों मचा रहे हो
इससे किसी की रोज़ी रोटी नहीं रुक जाएगी न ही किसी के घर में कोई भूखा सो जायेगा न
ही किसी का बेटा भाई या बहन पिता बेरोजगार नहीं हो जायेंगे |
क्यों इतना रोना पीटना मचाय
हो क्या कोई मर गया है या डाक्टर ने मरने की डेट निश्चित कर दी है !
शोर मचाना है तो तब मचाया
करो जब आपके पत्रकार भाई सड़क पर आ जाते है उनको सेलरी नहीं मिलती उनको बिना बताय
नौकरी से निकाल दिया जाता है कई महिला कर्मचारियों का शोषण होता है |
तब आप पत्रकार भाई और प्रेस
क्लब वाले कोई मीटिंग क्यों नहीं करते तब आप सब एक साथ आवाज़ क्यों नहीं उठाते है |
आखिर आप लोग की परेशानी
क्या है की कही सरकार एक एक करके आप लोगो के काले कारनामे या यु कहे छुट्टा बैल या
भैस के नकेल कसने का ये सिर्फ एक दिवसीय कार्यक्रम है जो आप लोगो के अन्दर डर पैदा
कर रहा है अगर हम एक न हुए तो सभी के नकेल पड़ जाएगी और जो हम कही भी किसी भी
सरकारी अधिकारी को प्रेस का रौब दिखा कर डरा धमका देते है अपनी इज्ज़त बना लेते है !
ये सब बंद हो जायेगा प्रेस लिखी गाड़ी कही से
भी निकल जाएगी कोई भी फ्री में खाने को दे देगा |
शायद सच्चाई यही है डर सबको
लगता है जब डर होता है अर्थात वह पर साहस ख़त्म हो चूका होता है |
कोई अपने दिल पर न ले ये
सिर्फ उनके लिए है जो गलत करते है | जो ईमानदार है उन्हे ईमानदारी पेश करने की
जरुरत नहीं पड़ती उनको सभी जानते है चिल्लाते वही है जिनकी सुनी नहीं जाती |
न्याय के लिए न्यायालय है
सरकार ने अगर गलत किया है तो आप अदालत जाए अपनी बात रखे अदालत को सरकार को भी डांट
लगाती है और कार्यवाही करती है |
इनके साथ कौन है :-
एनडीटीवी इंडिया के बाद सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के बाद सरकार ने 'न्यूज टाइम असम' चैनल को एक दिन के लिए और केयर वर्ल्ड चैनल को 7 दिन के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। असम के भी एक समाचार चैनल को एक दिन के लिए प्रसारण बंद करने का आदेश दिया है। समिति ने महसूस किया कि चैनल ने एक से अधिक बार 'प्रोग्रामिंग दिशा-निर्देशों' का उल्लंघन किया। चैनल के खिलाफ आरोपों में से एक आरोप है कि उसने एक कार्यक्रम का प्रसारण किया जिसने एक नाबालिग लड़की की पहचान का खुलासा किया, जिसे घरेलू सेवक के तौर पर काम करने के दौरान बर्बर यातना दी गई थी।
चैनल द्वारा प्रसारित दृश्यों में बच्ची
की निजता और गरिमा से समझौता किए जाने की बात महसूस करते हुए चैनल को
अक्तूबर 2013 में एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। वहीं केयर वर्ल्ड
चैनल को सात दिन के लिए बैन किया गया है। आरोप है कि इस चैनल ने आपत्तिजनक
कार्यक्रम दिखाया था।
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