खुद उठाये अपना कदम और बदले भारत को
एक सरकारी नौकरी के लिए अगर आप आवेदन करते हो कई तरह के शर्ते और नियम होते है अगर आप को नौकरी मिल भी कई तो पुलिस वेरिफिकेशन भी जरुरी होता है अगर आप के थाने में आपके खिलाफ कोई भी अपराधिक मामला नहीं है तो आप को नौकरी मिल जाती है और अगर है तो नौकरी गय हाथ से .. साथ ही अगर आप अपने सरकरी नौकरी के कार्यकाल में ऐसा कुछ भी करते है जो पुलिस और कोर्ट के दायरे में आता है जब आप अपनी ड्यूटी पर हो तब भी आपकी नौकरी जाने का खतरा होता है ..
वही एक नेता जो कई बड़े अधिकारियो के ऊपर विधयक या संसद बनकर आता है तो उसका पुलिस वेरिफिकेशन क्योँ नहीं होता है ..क्योँ उसके अपराधिक इतिहास को नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है क्योँ लाखो की जनता के साथ छलावा किया जाता है क्योँ ऐसे नेतो को टिकट दिया जाता है और क्योँ कोई भी किसी भी पार्टी का अध्यच बन जाता है क्या ये सरकरी नौकरी के दायरे में नहीं आता है क्या इन विधयाको और सांसदों कू सरकारी सुविधाय नहीं मिलती है ..
क्या कानून गलत बना है
क्या हम अभी भी अपनी बात नहीं कह पाते है
क्या एक नेता लाखो की जनता पर हावी हो जाता है
क्या हम अभी भी एक जाने पहचानी चेरे को ही वोते देना चाहते है
क्या आज हमारे भीच सिर्फ कहनो को सोच बदली है
क्या है इन सब का जवाब बनिए अपनी आवाज़ खुद उठाये अपना कदम और बदले भारत को
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कानपूर का अपना ब्लॉग जिसे पसंद करते है आप, आप का इस ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद क्योंकि अपने अपना बहुमूल्य समय जो दिया .......कानपुर पत्रिका ;
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