रूस ने जिस तरह से यूक्रेन पर की जा रही अपनी सैनिक कार्रवाई को लेकर दिखाई जा रही खबरों व छप रही खबरों पर भारतीय मीडिया को सलाह दी है कि वह तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रसारित करें गलत दिखाकर तथ्यहीन खबरों का भ्रामक प्रचार ना करें रूस ने कहा की हमने यूक्रेन पर खुद हमला नहीं बोला बल्कि यूक्रेन से पश्चिमी देशों की सेना हटाने व नाज़ीकरण से मुक्त करने व डानबस में यूक्रेन द्वारा 8 साल से जारी युद्ध को खत्म करने के लिए विशेष सैन्य अभियान चलाया है इसे युद्ध या हमले का नाम देना भी गलत है उन्होंने यह भी स्पष्टीकरण दिया है कि हम वहां हम किसी शहर को नुकसान नहीं पंहुचा रहे है बल्कि सैन्य ठिकानों पर ही कार्यवाही की जा रही है जहां तक रूसी दूतावास की बात है तो वह पहले ही भारतीय मीडिया ने कजाखस्तान में भड़की हिंसा पर भी तथ्यहीन खबरें छापने को लेकर आपत्ति जता चुका है साथ ही उसने सचेत किया था कि कजाखस्तान उसका दोस्त है जिसके लिए उसने कलेक्टिव पीसकीपिंग फोर्स भेजा था रूसी दूतावास की इस तरह की दूसरी बार भारतीय मीडिया पर उंगली उठाने के पीछे भारतीय मीडिया को निःसंदेह इस पर ध्यान देने वाली बात है कि प्रतिस्पर्धा में जल्दबाजी को हम कोई ऐसी खबर ना छाप दें कि उस पर दुनिया भर के देशों के सामने हमारी जग हंसाई हो एक और हमें इस और ध्यान रखना चाहिए कि रूस अपनी सैन्य कार्यवाही रोकने के लिए इनसे वार्ता करने के लिए ना सिर्फ तैयार है ऐसे में हमारा भी तो मुख्य मकसद यही है कि किसी भी तरह से रूस और यूक्रेन के बीच चल रही सैन्य कार्यवाही समाप्त हो दोनों ही अपने मित्र राष्ट्र हैं लिहाजा इस पर कहीं ना कहीं हमें उग्र रूप दिखाने की बजाय लचर रुख अख्तियार करना चाहिए क्योंकि हमारा मकसद यह है कि सैनिक कार्रवाई रुके और खून बहना बंद हो जहां तक रूसी दूतावास की आपत्ति पर हमें फिर से इस विषय पर सोचना चाहिए क्योंकि भारतीय मीडिया का एक अपना अलग स्थान है लिहाजा इसमें किसी तरह का दाग ना लगे हमें दोनों देशों से अपने देश के संबंध संबंधों का भी ख्याल रखकर साफ-सुथरी अपनी छवि बनाये रखे |
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