Monday, February 28, 2022

अग्नि परीक्षा में खड़ा भारत

Filled under:



यूक्रेन में रूस के जारी हवाई हमलों से दुनियाभर के देश दो भागों में बटते दिख रहे हैं जहां तक रूस की बात है तो वह संयुक्त राष्ट्र के दबाव के बावजूद अपने पैर वापस लेने के लिए तैयार नहीं है जिसने भारत की स्थिति पहले ही भारतीय नागरिकों को सुरक्षित घर वापसी के लिए खराब बनी है वहीं दूसरी ओर उसके सामने अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है जिसने अमेरिका ने उसे जहां अपने पाले में खींचने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है वही रूस ने अपने पक्ष में खड़ा होने की बात रखी है ऐसी स्थिति में प्रमुख बात यह है कि भारत की रूस से बहुत पुरानी अपनी संधि है समय-समय पर रूस ने भारत के आंतरिक सुरक्षा संसाधनों को विकसित करने में ना सिर्फ मदद की है बल्कि युद्ध के समय उसने अपने अत्याधुनिक हथियार भी उसे मुहैया कराए थे आज भी देश के रक्षा संसाधनों को विकसित करने व खरीदारी में भारत रूस पर ही निर्भर है ऐसी स्थिति में तीसरे विश्व युद्ध को रोकने के लिए पक्षधर बने बैठे भारत की स्थिति क्या है भले ही वह कुछ भी कहे किंतु वर्तमान स्थिति में कशमकश तो होगी ही हालांकि भारत का मूल मंत्र अहिंसा परमो धर्मा पर टिका है जहां तक इस युद्ध की बात है तो इस युद्ध में जिस तरह से बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है ऐसी स्थिति में हाल फिलहाल यूक्रेन में फंसे तकरीबन 20000  छात्रों सुरक्षित घर वापसी करना ही मूल मकसद है जिसमें वह प्रयासरत भी है किंतु आगे आने वाला समय उसके लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा ऐसे में भारत क्या करेगा यह तो समय गर्त में है

Posted By KanpurpatrikaMonday, February 28, 2022

Sunday, February 27, 2022

मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं मतदाताओं से तो पूछो

Filled under:


यूँ तो 5 राज्यों में पांचवें चरण का मतदान संपन्न होने को है जिसमें देश की सबसे बड़ी लोकतंत्र की भाजपा सरकार पूरी ताकत उत्तर प्रदेश में दोबारा भाजपा सरकार बनाने को लेकर झोंके हुए हैं जबकि उधर यूक्रेन में 20000 भारतीय छात्र छात्राओं की जान अधर में लटकी हुई है ऐसे में प्रधानमंत्री हालांकि उन्हें सुरक्षित निकालने के सारे बंदोबस्त में जुटे हुए हैं ऐसी स्थिति में भी देश के प्रधानमंत्री गृहमंत्री अमित शाह की निगाहें यूपी से हट नहीं रही पूरी तरह से प्रचार-प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है आज पांच चरणों के मतदान को देखें तो चर्चाओं में औसतन 60 फीसदी ही मतदान हुआ है अंतिम चरण तक 60 फ़ीसदी मतदान करने वालों का औसत बना रहे यह बड़ी बात है मतलब 40 फीसदी लोगों ने लोकमत की सरकार बनाने का बहिष्कार किया है यह बहिस्कार क्यों हुआ यह तो बहिस्कार  करने वाले ही बता सकते हैं ऐसी परिस्थितियों में इस तरह से निष्पक्ष सरकार की उम्मीद ही क्या की जाए इसमें बड़ी संख्या में वोट डालने वालों ने जिसका जितना बल ज्यादा उसका उतना समर्थकों होंगे उसके बाद दूसरे बड़े बहुमत वाले तथा उसके बाद उसके कम वाले समर्थकों में वोट डालने में जागरुकता दिखाई यानी 20 से 25 फ़ीसदी ही ऐसा मतदान हुआ जो निष्पक्ष चुनाव चाहते थे जबकि 40 फीसदी मतदान ऐसा हुआ ही नहीं जो लोग वाकई में निष्पक्ष सरकार बनवा सकते थे सरकारों के यह सोचना चाहिए कि मतदान प्रतिशत घट नहीं रहा है बल्कि सरकारों के प्रति लोगों का नजरिया कितना बदलता जा रहा है यह चिंता का विषय है यही हाल रहा तो सरकारें समर्थकों के दम पर बन जाया करेंगी ऐसे में जो समर्थक कार्यकर्ता जिसका जितना ज्यादा होगा उसी की सरकार बन जाया करेगी आम मतदाता की कोई जरूरत ही नहीं है छोड़ दीजिए उन्हें उनके हाल में ऐसे ही बनेगी लोकतंत्र की सरकारें क्या हाल होगा आने वाले समय में इस तरह की स्थितियों से क्या बनता चला जा रहा है लोकमत लोकतंत्र की सरकारों की बातें केवल कागजी ही रह जाएँगी विशेषज्ञों को सोचना होगा इस तरह का माहौल के प्रति |

Posted By KanpurpatrikaSunday, February 27, 2022

Saturday, February 26, 2022

भारतीय मूल के लोगों को सुरक्षित कैसे लाया जाए

Filled under:



जहां यूक्रेन में रूसी हवाई हमलों से सारी दुनिया के देशों के साथ भारत के सबसे हालत खराब है क्योंकि यूक्रेन में भारत के लगभग 20000 छात्र-छात्राएं भी फंसे हैं यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए रूस ने मिसाइलों से लेकर तमाम आधुनिक संसाधनों को इस युद्ध में झोंकने में जुटा हुआ है ऐसी सूरत में दूसरे विश्व युद्ध के बाद किसी देश की इतनी बड़ी सैन्य कार्रवाई है जिसमें हजारों लोग मारे जा चुके हैं यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र छात्राओं की सुरक्षा को लेकर उनके घर वाले लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क साधने में जुटा हुआ है जिसमें राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के पास भी उन्हें सुरक्षित लाने की गुहार की जा रही है यहां तो 20000 छात्र छात्राओं के जीवन का सवाल है कि कोई मिसाइल यह छोड़कर तो दागी नहीं जाती कि इससे केवल यूक्रेन के लोगों को नुकसान पहुंचेगा भारतीय छात्रों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि कल जिस तरह रूसी हवाई हमले व मिसाइलों से रिहाईशी अपार्टमेंट्स को ध्वस्त किया गया उसे भारत के छात्र छात्राओं पर दिन पर दिन खतरा बढ़ रहा है ऐसी सूरत में इतनी बड़ी तादाद में छात्र छात्राए एक ही स्थान पर तो होंगे नहीं अलग-अलग स्थानों मे होंगे | यूक्रेन का विदेश मंत्रालय हो या अन्य सुरक्षा एजेंसियां जब वह अपने नागरिको  सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं तो दूसरे की सुरक्षा वह कैसे करेंगे ऐसी स्थित में भारत देश के विदेश मंत्रालय के पास बड़ी विकट स्थिति फंसी हुई है कि वह आखिर क्या करे | आखिर रूस की इस सरासर यूक्रेन पर की जा रही दादागिरी में अपने भारतीय मूल के लोगों को कैसे निकालें छोटी मात्रा में तो इस भारतीय मूल के लोग हैं ही नहीं इनकी संख्या 20 हजार के आस पास है  ऐसी परिस्थितियों में यहां फंसे लोगों के परिवारी जनों का सब्र टूटता जा रहा है वह यूक्रेन को एक के बाद एक तबाह होते टीवी चैनल पर देख रहे हैं जिनके धमाके उनके कानों में सुनाई  दे रहे है उसके बाद उनकी हालत बहुत खराब है ऐसे में भारत के पास दिलासा के अलावा कोई चारा नहीं है जबकि भारत अच्छी तरह जान रहा है कि रूस अपनी सैनिक कार्रवाई व हवाई हमले अभी हाल फिलहाल रोकने में रहा ऐसी स्थिति में भारत विकट स्थिति में फंसा है वह क्या करें जिसके लिए वे रूस के विदेश मंत्रालय व राष्ट्रपति से तत्काल संपर्क में जुटा है कि वह अपने मूल के लोगों को वहां से सुरक्षित कैसे निकाले |

Posted By KanpurpatrikaSaturday, February 26, 2022

तीसरे युद्ध की ओर का इशारा तो नहीं

Filled under:



तीसरे युद्ध को रोकने का पक्षधर बना भारत इस समय रूस के यूक्रेन में हमले के बाद दुनिया को दो भागों में बढ़ता हुआ देखने के बाद असमंजस की स्थिति में खड़ा है हालांकि उसे यूक्रेन में फंसे लगभग 20000 भारतीयों को सुरक्षित करने की चिंता बढ़ी है क्योंकि रूस ने आज जिस तरह से हवाई हमले रिहायशी इलाकों में तेज किए हैं उससे जनहानि का खतरा बढ़ गया है जिस पर भारतीय नागरिकों को वेस्टर्न बॉर्डर पर सुरक्षित पहुंचाने की अपील की जा रही है क्योंकि रूस यूक्रेन की राजधानी को निशाना बनाए हैं यूक्रेन में रोज-रोज के बड़े हवाई हमले से पूर्वी युक्रेन के 2 शहरों ने सरेंडर कर दिया है जिस तरह रूस ने यूक्रेन के हवाई अड्डों पर जिस तरह से हमले बढ़ा दिए हैं उससे इस बार रूस का जिस तरह से आक्रामक रुख है उसे भले ही दुनिया दो भागों में बांट गई हो जिसमें यूरोपीय संघ की जिस तरह से अमेरिका में तत्कालीन युद्ध रोकने के लिए बैठक बुलाई है उसे नहीं लग रहा है कि इस बार भी इस बैठक का कोई प्रभाव रूस में पड़ने वाला नहीं है क्योंकि रूस के पास खुद ही वीटो पावर है हालांकि रूस के बढ़ते हवाई हमलों से यह तो स्पष्ट हो गया है कि वह यूक्रेन को इस बार लेकर रहेगा क्योंकि रूस के हवाई हमलों से जिस तरह से रिहाईसी इलाकों में दहशत मच गई है उससे माना जा रहा है कि युद्ध अच्छे के लिए तो होता नहीं है जिसमें जान माल का नुकसान दोनों का ही होता है ऐसी परिस्थितियों में जिस तरह से यूक्रेन में स्थितियां बनी है उससे लगभग 20,000 जो भारतीय नागरिक फंसे हैं उनके लिए भारत में जबरदस्त चिंता की लहर है भारत की समझ में नहीं आ रहा है कि वह पहले अपने नागरिकों को बचाए हालांकि जिस तरह से इस युद्ध में दुनिया के देश दो भागों में बैठ गए हैं उसे अगर इस बार तीसरा विश्व युद्ध होता है तो बड़ी तबाही होगी क्योंकि अमेरिका सहित तमाम देश यूक्रेन की ओर है तो चीन उत्तर कोरिया ईरान समेत तमाम देश रूस के साथ हैं फिलहाल भारत संधि के चलते अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहा है |

Posted By KanpurpatrikaSaturday, February 26, 2022