क्या होता है वास्तु
पुराणों के अनुसार घर निर्माण करने की वह कला है जो ईशान कोण से प्रारंभ होती है और जिसके द्वारा घर के विघ्न दूर होते हैं कुल मिलाकर वास्तु के द्वारा घर से नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करके सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ाया जा सकता है प्रकृति में विविध प्रकार के बल उपस्थित हैं जिनमें जल पृथ्वी वायु अग्नि और आकाश शामिल हैं इनके बीच परस्पर क्रिया होती है जो मानव जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं जिसके प्रभाव से व्यक्ति का कार्य प्रदर्शन स्वभाव भाग्य एवं अन्य जगहों पर व्यापक रूप से प्रभाव पड़ता है वास्तु शास्त्र कला विज्ञान खगोल विज्ञान और ज्योतिष का सम्मिश्रण है
व्यक्ति की चाह होती है कि उसका भी घर हो । ताकि वह अपना जीवन आराम व सुखमय व्यतीत कर सके । वास्तु शास्त्र के अनुसार यथार्थवादी दृष्टिकोण यह है कि भवन में यदि आपको अच्छी सुकून की नींद , अच्छा सेहतमंद भोजन और भरपूर प्यार व अपनत्व नहीं मिल रहा है तो भवन में वास्तु दोष है । इसलिए भवन का निर्माण करवाते समय वास्तु के नियमों का पालन करना चाहिए ।
वास्तु जी राणा जी एक ऐसे युवक विशेषज्ञ हैं जो जो दुकान ऑफिस फैक्ट्री वह घर का वास्तु गारंटी के साथ करते हैं उनका कहना है कि अगर वास्तुशास्त्र को अच्छे से समझ लिया जाए और उसको सही जगह सही तरीके से इंप्लीमेंट किया जाए तो हम वास्तु के द्वारा बहुत कुछ होने से बचा सकते हैं जैसे एक उदाहरण से वह यह समझाते हैं कि सभी वास्तु शास्त्री यह कहते हैं कि उत्तर दिशा में जल है वहां का रंग नीला है लेकिन वस्तु गुरु जी यह कहते हैं कि मैं वहां पर लाल कलर का बल्ब जलाकर बहुत कुछ बदल सकता हूं और चमत्कार कर सकता हूं ।
ऐसे ही कई सारे वास्तु और ज्योतिष से संबंधित कई गूढ़ रहस्य वास्तु गुरुजी बताते हैं वह इससे संबंधित कई क्लासेज भी चलाते हैं मौजूदा समय में वह निशुल्क ज्योतिष क्लासेस ऑनलाइन माध्यम से चला रहे है
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