ये लोकतंत्र ये कौन सा मंत्र है
यहाँ अपराधी नेता है और नेता अपराधी
यहाँ बोलने का हक सबको है
पर बोलता कौन है
मुजफ्फर नगर और देवरिया बस दो बदनाम है
और पता नही कितने छुपे हुए कितने नाम है
समाज सेवी है मवेशी जो बेचते है इंसानो को
गरीब और लाचारों को
जो भागे थे घर से बचाने को इज़्ज़त
उनका ही सौदा करके किया है इंसानियत को बेइज़्ज़त।
सच बताना क्या तुमने माँ का दूध पिया था
क्या एक पल भी उसको जिया था
लेकिन तुम क्या बताओगे तुम उस दूध को भी बेच खाओगे।
गलती उसकी ही थी जिसने तुम्हे जन्म दिया
तुमने उसके दिल मे ही अनगिनत जख्म दिया।
इज़्ज़त शोहरत पैसे के लिए ही तुम ऐसा करते हो
बताओ क्या तुम अपनी बहन और बेटी बेचोगे
हम सब खरीदेंगे पड़ा लिखा उसे इंसान बनाएंगे
और एक दिन उसकी कलम से ही तुम्हे फांसी दिलवाएंगे ।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment