आपकी कमजोरी और छठा भाव ?
कुंडली का छठा भाव जिसे
ख़राब भावो के रूप में देखा जाता है | आपके जीवन में ऋण रोग शत्रु कम या ज्यादा
होंगे आपके जीवन में कौन समस्या पैदा करेगा और कैसे आप इनका सामना करेंगे , यह सब
छठे भाव से पता चलता है |
लेकिन जीवन में उन्नति करने
के लिए छठे भाव को काफी महत्वपूर्ण माना गया है | छठा भाव जातक की कमजोरी को भी
दर्शाता है | छठे भाव पर यदि आप नियंत्रण कर ले तो आपको उन्नति करने से कोई नहीं
रोक सकता है | जैसे मिथुन लग्न की कुंडली में वृश्चिक राशि छठे हुई और इसके स्वामी
मंगल देव जो आपके गुस्से को दर्शाते है यदि आप अपने गुस्से या आक्रामकता पर
नियंत्रण कर लेते है तो आप अपने बनते काम कभी बिगड़ने नहीं देंगे नहीं तो आप अपने
गुस्से से बनते कामो को अक्सर बिगाड़ देंगे |
और एक बात यदि छठे भाव
वृश्चिक राशि में कोई ग्रह बैठा है तो फिर उसका भी ध्यान रखना होगा जैसे यदि इस
मिथुन लग्न की कुंडली में ही वृश्चिक रही छठे भाव में बुध देव स्थित है तो आपको
अपने बुद्धि और विवेक को भी ध्यान रखना होगा | आप अपने गुस्से में अपने बुद्धि और
विवेक को भी खो देंगे | ऐसा अक्सर होता है की जब किसी को भी गुस्सा आता है तो वो
अपना विवेक खो देता है लेकिन यहाँ पर भाव यह है की एक तो आप अपने गुस्से से बनते
काम बिगाड़ देंगे दूसरा दूसरे लोग आपका फायदा भी उठायंगे जो आप के लिए नुकसान देह
होगा ऐसे में आप बैगैर गुस्सा किये अपने विवेक से अपने काम करते रहे |
छठा भाव और उसका स्वामी कमजोरी
छठा भाव और सूर्य अहंकार
घमंड
छठा भाव और चंद्रमा मन
की चंचलता
छठा भाव और मंगल क्रोध
छठा भाव और बुद्ध बुद्धि
और विवेक
छठा भाव और गुरु ज्ञान
शिक्षा
छठा भाव और शुक्र सुन्दरता
कामुकता विलाशिता
शनि आलस्य
अब अगर आप अपनी कमजोरी को
पहचान गए और उस पर नियंत्रण कर लिया तो आप अपने जीवन में सफल हो सकते है | साथ ही
अन्य ग्रहों की युति द्रष्टि और योग भी कुंडली में अपना प्रभुत्व रखते है इन पर
विचार जरुरी है |
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