Saturday, April 4, 2015

MY CHOICE vs मेरी खवाहिश

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मेरी खवाहिश


मैं एक अच्छी बेटी बनू ये है मेरी खवाहिश
मैं एक अच्छी बहन बनू ये है मेरी खवाहिश
मैं क्या पहनू क्या न पहनू ये तय कौन करेगा
ये है मेरी खवाहिश जिन्होने मुझे जन्म दिया
ये है मेरी खवाहिश जिन्होने मुझे प्यार दिया
मैं कहा जाऊ कहा न जाऊ ये फैसला सिर्फ मेरा
नहीं है ये मेरी खवाहिश ये फैसला एक परिवार का
ये है MY CHOICE
ये है मेरी खवाहिश की मैं अपने संस्कारो और
संस्कृति को ले कर चलू THATS MY CHOICE
बिंदी मांग में सिन्दूर और चूड़िया ये तो पहचान है मेरी
ये है मेरी खवाहिश यही है हम सब की CHOICE 
मैं एक बेटी हु एक बहन हु एक पत्नी हु और इस संसार को निरंतर
संतान देने वाली माँ हु कैसे मैं करू अपनी पसंद का फैसला
जबकि शुरू होता ये मुझसे ही ये सिलसिला
अगर मैं करुँगी अपनी पसंद से वो सब कुछ
तो रिश्तो में न रहा जायेगा प्रेम सचमुच
मैं हु रिश्तो से बंधी रिश्ते हैं मुझसे बंधे   
फिर कहा रह जाती है MY CHOICE .
एक अनाथ भी नहीं करता कभी
MY CHOICE  

Ashish Tripathi

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