बताओ मैं हु कौन ?
जहा दिन में भी अँधियारा छाए
बिजली बिन पानी न आए
एक बार आप कानपुर तो आए !
जहा रोज़ रोज़ी रोटी है टूटती
गरीब ही नहीं आमिर की किस्मत है फूटती
आपको कानपुर की क्यों नहीं सूझती !
जहा सड़के न सही गड्डे है मिलते
जहा बिना ट्रेफिक के है सब भिडते
आप कानपुर में क्यों नहीं घूमते !
जहा घर से लेकर गंगा तक है गन्दगी
जहा पर अब भाई भाई की नहीं है बनती
फिर आपके कानो में कानपुर की जूं क्यों नहीं रेंगती !
जहा मीले और फैक्ट्रिया सब हो गई है बंद
यहाँ गलियों से लेकर सड़के तक है तंग
आपका विकास कानपुर आ कर क्यों हो जाता है मंद !
यहाँ मसाला थूकने में शर्ते है लगती
यहाँ से ही कैंसर की जड़े है निकलती
अब आप ही बताए आपकी कानपुर से क्यों नहीं बनती ?
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