सफलता के चार सूत्र आशीष त्रिपाठी के द्वारा
हम सब जानते है की मार्च और अप्रैल महीने या यों
कहे की जनवरी से चालू होने वाली एग्जाम की टेंशन रिजल्ट आने तक ख़त्म नहीं होती है
/ जो पास हो जाते है वो तो खुश और जो फेल हो जाते है वो दुखी, कुछ गलत रहो पर चल
पड़ते है और कुछ इस दुनिया से अलविदा कह देते है / ऐसे न जाने कितनी बच्चे हर साल
रिजल्ट आने के बाद सामने आते है / क्या ये सही है नहीं ये एकदम गलत है की हम हार मान ले बिलकुल नहीं हम जीत कर ही रहेंगे जब
तक सफल नहीं हो जायेंगे /
लेकिन कैसे इसके लिए हमे अपने जीवन में चार बाते चार सूत्र
हमेशा याद रखने होंगे .......
पहला सूत्र :- हम यानि हम सब जानते है की हम सफल हो पायेंगे
की नहीं हम पास होंगे या फेल क्योंकि जैसा हमने तैयारी की है हम जानते है फिर हम
फर्स्ट आयेंगे सेकंड या फिर थर्ड या फिर हम फेल हो जायेंगे हम बखूबी जानते है बस
दूसरो से या फिर अपने आप से झूठ बोलते है / सही
लेकिन ये सच्चाई हम कभी किसी को नहीं बताते है
यहाँ तक की पेपर देने के आने के बाद तो हम सौ प्रतिशत ये जान जाते है की रिजल्ट
क्या आयेगा लेकिन फिर भी हम दोष किस्मत को देते है किस्मत क्या होती है मेरे हिसाब
से किस्मत कुछ भी नहीं होती है किस्मत भाग्य और लक कुछ भी नहीं होता है अगर होता
तो हम देख पाते लेकिन किस्मत भाग्य और लक को महसूस किया जा सकता है /
पेपर देने के आने के बाद यानि हमने कापी में कुछ
भी नहीं लिखा है और हम पास हो जाते है तो उसकी किस्मत और अगर हमने सब कुछ लिख कर
आते है और फेल हो जाते है तो किस्मत ख़राब नहीं किस्मत को दोष नहीं दे /
फिर यहाँ क्या होता है यहाँ पर सिस्टम ख़राब होता
है जिन्हे समाज को सवारने की जिमेदारी दी गई थी उनमे से कुछ लोगो ने पैसे बनाने के
चक्कर में किसी की जिंदगी ख़त्म कर दी और किसी के सपने, लेकिन उनको क्या पता की उनकी पैसे कमाने की चाहत
किसी के घर का चिराग बुझा देगा / जितनी ज्यादा कापी आप चेक करते है उतनी ही कम नज़र
आप सवालो पर दे पाते है जवाबो पर दे पाते है /
लेकिन
बच्चो अगर आप सब कुछ लिख कर आये है और फेल हो जाते है तो किस्मत को दोष देने से
अच्छा है की सिस्टम को दोष दे और उस इन्सान को दोष दे जिनसे आप की जिंदगी और आपके
सपनो से खेलने की सोची है / आप अगर सब कुछ लिख कर आये है तो आप अपनी दोबारा कापी
चेक कराने की मांग रखे और दोबारा कापी चेक होने के बाद आप पास हो जाते है तो आप
यहाँ पर शांत न बैठे आप केस करे उसके खिलाफ जिसने आप की जिंदगी से खेलने की कोशिश की है ताकि किसी के साथ
दोबारा ऐसा न हो /
दूसरा सूत्र :- हम हार क्यों मान लेते है क्यों हम ये समझ लेते है की
अब कुछ भी नहीं हो सकता आप जानते है की तीन ओर से तो हमारे रास्ते आस पास वाले बंद
करते है और आखरी रास्ता हम खुद बंद कर लेते है क्यों
आप में से कितने लोग बचपन में एक बार में बैठना
सिख गए थे
आप में से कितने लोग एक बार में चलना सीख गए थे
और एक ही बार में दौड़ना
कितने लोग एक बार में ए बी सी डी और क ख ग लिखना सिख गए
थे
फिर आप एक बार में सब कुछ पा लेने की कैसे सोच लेते है एक बार में सफलता नहीं मिलती ,
तो दो बार , दो बार नहीं तो तीसरी बार
लगातार क्योंकि हमे सफलता चाहिए जिन्हे सफलता नहीं चाहिए वो शांत बैठ जाय
क्योंकि उनकी किस्मत होगी तो सब कुछ हो जायेगा
ऐसा अगर वो मान लेते है तो वो पागल है /
हम हर बार प्रयास करेंगे और हर बार हम पहले से
बेहतर पायेंगे और एक समय तो ऐसा आयेगा की हम सफल हो जायेंगे अगर नहीं हुए तो इतना
तो आ ही जायेगा की हम किसी को पढाने लगेंगे , अगर ये भी नहीं हुआ तो हम अपने बच्चो
को या आस पास वालो को तो बता ही सकते है यानि सफल तो हम हो ही जायेंगे / लेकिन
प्रयास नहीं छोड़ना है लगातार बार बार /
हम अपना बचपन कभी भी न भूले जैसे पापा ये रात
क्यों होती है ये दिन क्यों होता है तोता हरा क्यों होता है पापा हम उड़ क्यों नहीं
सकते बार बार क्यों क्यों क्यों लेकिन हमारे माता पिता हर बार हमारे सवालों का जवाब देते जाते है / फिर जब हम बडे हो जाते
है तो ये क्यों वाली आदत यानि अपना बचपन पीछे छोड़ देते है जितनी ज्यादा क्यों उतने
ज्यादा जवाब समझ में आया
यानि जो भी हम पड़ रहे है जब तक समझ में नहीं आ
जाता तब तक पूछे और पूछने का तरीका की जहा पर आकर हम रुक जाते है यानि की जहा से
हमे आंगे नहीं समझ में आता वहा से पूछे, ये नहीं की बिलकुल नहीं समझ में आया /
तीसरा सूत्र :- आप अपने दिन भर में हो रहे कार्यो यानि जो भी
आप के साथ पूरे दिन में होता है अच्छा या ख़राब सही या गलत आप
अपने माता या पिता या फिर दोनों से
बताए / इससे आपको जीवन में कभी शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा न आपको न आप के
माता पिता को / ये आदत आज से ही डाल लीजिये शुरुआत में थोड़ी डाट पड़ेगी लेकिन आगे
के सारे रास्ते साफ हो जायेंगे /
अगर आप नहीं बताते है तो क्या होगा जितना आप
छुपाते जाते हो वो सब आपके पीछे इकठ्ठा होता जाता है और एक दिन वो इतना बड़ा हो
जाता है और आप के पीछे खड़ा होता है पहाड़ ऐसा जिसे आप शायद न देख पाओ , लेकिन आपके
अलावा सभी उसको देख रहे होते है और आप के साथ आपके परिवार को भी बुरा कहते है /
माँ समझती नहीं है पापा पुराने जमाने के है वो अनपड़
है उन्हे अक्ल ही नहीं है
ये शब्द भी हम ही यूज करते है जिन्होने हमे चलना
सिखाया हमे बोलना सिखाया हमे सही और गलत में फर्क समझाया आज वो ही बेअक्ल हो गए
जिन्होने हमे पड़ना सिखाया या पडने के लिए भेजा वो ही आज अनपद हो गए जिन्होने हमे
समझदारी की बाते बताई वो ही न समझ हो गए / वहा प्रभु क्या है तेरी माया
लेकिन गलती कहा पर है सिर्फ जेनरेशन गैप बस इससे
ज्यादा कुछ नहीं जो लगातार होता है आज आप के साथ है कल आपके बच्चो के साथ होगा /
लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हम अपने ही मम्मी पापा को गलत शब्द बोले अगर आज हम
जैसा भी कर रहे है ये मान के चलिए की कल आपके साथ भी वैसा ही होगा ये आप सब भी
जानते है जो साइंस पड़ते है वो अच्छे से जानते है न्यूटन का नियम किसी भी चीज़ को
ऊपर उछालते ही वो अपने आप नीचे की और आ जाती है न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम
यानि हम किसी को बुरा कह रहे है तो हमारे साथ भी कोई बुरा बोलेगा /
इसलिए अपने मम्मी पापा और अपने परिवार से बड कर
कोई नहीं होता वही होते है वो जन्म से लेकर हमेशा हमारे साथ खडे होते है बाकि तो
मतलब के साथी होते है /
चौथा और अंतिम
सूत्र :- हमे अपने धर्म पर
पूरा विश्वाश करना चाहिए फिर हमारा धर्म कुछ भी क्यों न हो हम हिन्दू हो मुस्लिम हो सिख हो ईसाई हो , न ही दूसरो के धर्म
की बुराई करनी चाहिए /
चालीस दिन मंदिर पैदल जाने से पांच रूपये का
प्रसाद चढ़ाने से या फिर मनौती मान लेने से
कोई पास नहीं होता /
ईश्वर भी उसका साथ देते है जो कर्म करता है मेहनत
करता है साथ ही अपने काम के प्रति ईमानदारी बरतता है / ईश्वर ये नहीं कहते की आप
मेरी दो घंटे पूजा करो लेकिन लेकिन उस ईश्वर उस खुदा और उस वाहे गुरु को मानना भी
जरुरी है आप सुबह उठे नामज़ पडे पूजा करे वाहे गुरु को याद करे या बाइबिल पडे या
फिर प्रेयर करे लेकिन ये करे जरुर और फिर उस ईश्वर से कहे हमे हमारे काम में सहयोग
करे , ताकि हम सफल हो सके फिर देखे की आप सफल कैसे नहीं होते है आप सब सफल हो ऐसी
मैं भी ईश्वर से कामना करता हु /
बस ये चार सूत्र आप अपने जीवन में उतर ले आप सफल
हो ही जायेंगे / अब इसके अलावा भी अगर आप कुछ पूछना चाहते है तो पूछ सकते है अगर
मेरे पास जवाब होगा तो मैं दूंगा नहीं तो बाद में दूंगा लेकिन गलत जवाब नहीं दूँगा
मेरी ये आदत है /
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