महंगाई ने कफ़न को भी किया महँगा ...>जहा एक और महंगाई में जनता से लेकर संसद तक हाहाकार मचा हुआ है वही महंगाई ने डायन ने एक और को लील लिया है और वो है कफ़न ... जहा एक और महंगाई से खाने पीने की वस्तुए अभी तक महँगी थी वही अब कफ़न और दफ़न के दाम भी बढ गए है हिन्दू रीत रिवाजों से क्रिया कर्म करने वाले खर्चे में डेड से दोगुनी वृद्धी हो गई है जिसे की लोग अब यही कहेंगे की जीना भी हुआ मुश्किल और मरना भी ...
घाट पर अगर कोई व्यक्ति दाह संस्कार करने 1 से 2 साल पहले जाता था तो करीब 2500 से 3000 हज़ार रुपये का खर्च आता था लेकिन अब वही 5 से 6 हज़ार रुपये हो गया है ... हिन्दू धर्म के क्रिया कर्म मे मुस्लिम धर्म से ज्यादा खर्च होता है . और अगर महेंगाई बढ गई है तो पिंडो ने भी अपने दाम बड़ा दिए है... एक पिंडा राम किशोर पंडित ने कहा बाबु जब हर चीज़ के दाम बडे है तो हम भी तो वही खाइंत है तो जब हम दाम न बाडाइँबे तो खइबे का ...लेकिन वही अगर दाह संस्कार में कुछ काटोती कर भी ली जाय तो उसका उपाय विद्युत शव दाह है.. लेकिन पुरानी रीती रिवाजों को मानने वाले कहते है की इससे आत्मा को शांति नहीं मिलती ... अब देखना ये है की महेंगाई डायन और कितनो को खाएगी ...
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